
‘वोट चोरी’ बोले इस कदर, अब तेजस्वी की भी अपील बेअसर; दावा और आपत्ति में RJD जीरो
संक्षेप: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर चुनाव आयोग को ही चुनावी मुद्दा बना चुके विपक्ष ने ‘वोट चोरी’ का आरोप इस कदर लगाया है कि अब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावा-आपत्ति दाखिल करने में जुटने की तेजस्वी यादव की अपील भी राजद पर बेअसर है।
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग को ही चुनावी मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव तक ने ‘वोट चोरी’ के आरोप को इस कदर दोहराया है कि अब खुद तेजस्वी की खुली अपील के बावजूद राजद के ही बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावा और आपत्ति दाखिल करने सामने नहीं आ रहे हैं। तेजस्वी ने जब अपील जारी की थी, तब इस काम के लिए निर्धारित आखिरी तिथि में 7 दिन बचे थे, जो अब 5 दिन पर आ गया है।
चुनाव आयोग ने बुधवार की सुबह 10 बजे तक का हिसाब-किताब जारी कर दिया है। राजद के 47506 बीएलए आयोग के पास दर्ज हैं लेकिन उन्होंने अब तक कोई दावा या आपत्ति नहीं दर्ज कराई है। आयोग ने 1 अगस्त को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया था, जिस पर 1 सितंबर तक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए दावा और आपत्ति दाखिल किया जा सकता है। तब से आयोग हर रोज इस प्रक्रिया का अपडेट जारी करता है। बुधवार को जारी डेली अपडेट में राजद के नाम के सामने जीरो ही लगा है। विपक्षी दल ही नहीं, सभी पार्टियों में सिर्फ सीपीआई-माले ने ही अब तक कुल 53 दावे या आपत्ति दर्ज कराई है। राजद के साथ-साथ भाजपा, जेडीयू, कांग्रेस और दूसरे दलों के आगे भी जीरो ही चल रहा है।
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आपको याद दिला दें कि तेजस्वी यादव ने दो दिन पहले यानी 25 अगस्त की दोपहर 2.42 बजे एक वीडियो संदेश जारी कर राजद के नेताओं और कार्यकर्ताओं से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के काम में जुट जाने की खुली अपील की थी। तेजस्वी ने यहां तक कहां था कि जहां यात्रा पूरी हो गई है, वहां तो कोई दिक्कत ही नहीं है। जहां यात्रा आगे है, वहां भी एक दिन का काम है। पार्टी के लोग इसमें जुट जाएं कि कोई भी नाम जो गलत कटा है, उसे जोड़ा जाए और जो नए वोटर हैं, उनका नाम शामिल किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट में बिहार के वोटर लिस्ट रिवीजन- SIR के खिलाफ चल रही सुनवाई के दौरान बीते हफ्ते शुक्रवार को अदालत ने सभी राजनीतिक दलों से पूछा था कि उनके बीएलए क्या कर रहे हैं, प्रभावित वोटरों की मदद क्यों नहीं कर रहे हैं। कोर्ट को आयोग ने बताया था कि सभी दलों के 1 लाख 60 हजार 813 बीएलए इस प्रक्रिया में शामिल हैं। उस सुनवाई के दिन तक सिर्फ 2 दावा या आपत्ति दाखिल हुई थी, जो सीपीआई-माले की ही थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि दावा और आपत्ति के इस चरण में आयोग पहले से तय 11 दस्तावेजों के साथ-साथ आधार कार्ड भी लेगा।
अमित शाह को कैसे पता कि BJP सरकार 40-50 साल चलेगी? राहुल गांधी का ‘वोट चोरी’ पर नया सवाल
बिहार में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा चल रही है जिसमें तेजस्वी के साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सीपीआई-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी समेत इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री और बड़े नेता भी शामिल हो रहे हैं। राहुल गांधी ने मंगलवार को भी ‘वोट चोरी’ के आरोप को मधुबनी में दोहराया और कहा कि गृहमंत्री अमित शाह को कैसे पता है कि भाजपा सरकार 40 से 50 साल तक रहेगी, जो बात वो बार-बार कहते हैं।





