
सुपौल : स्कंदमाता की पूजा अर्चना कर मांगी मन्नतें
संक्षेप: करजाईन बाजार में शारदीय नवरात्र के दौरान मां भगवती के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की गई। दुर्गा मंदिर में विद्वतजन द्वारा वेद ध्वनि और दुर्गासप्तशती का पाठ किया गया। रविवार को मां दुर्गा के...
करजाईन बाज़ार, एक संवाददाता। शारदीय नवरात्र में शनिवार को मां भगवती के पंचम स्वरूप स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की गई। क्षेत्र के करजाईन बाज़ार स्थित दुर्गा मंदिर में आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र, गोसपुर, बौराहा, परमानंदपुर, मोतीपुर स्थित माता के मंदिरों में विद्वतजनों के वेद ध्वनि एवं दुर्गासप्तशती के पाठ से माहौल भक्तिमय बना है। वहीं रविवार को मां दुर्गा के कात्यायनी रूप की पूजा होगी। माता कात्यानी की महिमा पर प्रकाश डालते हुए आचार्य पंडित धर्मेन्द्रनाथ मिश्र ने बताया कि महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म ली थी। इसलिए वे देवी श्री कात्यायनी कहलाती हैं।
इस दिन साधक को अपना चित्त आज्ञा चक्र में स्थिर करके साधना करनी चाहिए। श्री कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र स्वत: जागृत हो जाती है। श्री कात्यायनी की भक्ति और उपासना के द्वारा साधक को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारों फलों की प्राप्ति होती है। वह साधक इस लोक में स्थिर रहकर अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है। उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं। इनका उपासक निरंतर इनके सानिध्य में रहकर परम शांति, सुख एवं ऐश्वर्य का अधिकारी बन जाता है।

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