तीन सप्ताह में सरायगढ़ तक चल सकती हैं ट्रेनें
समस्तीपुर रेल प्रमंडल के अधीन सुपौल-सरायगढ़ रेलखंड का ट्रेन परिचालन के लिए जांच में पास मान लिया गया है। रविवार को पूर्व मध्य रेलवे के सीआरएस अब्दुल लतीफ ने सुपौल से सरायगढ़ रेल ट्रैक का पहले पुश...
समस्तीपुर रेल प्रमंडल के अधीन सुपौल-सरायगढ़ रेलखंड का ट्रेन परिचालन के लिए जांच में पास मान लिया गया है। रविवार को पूर्व मध्य रेलवे के सीआरएस अब्दुल लतीफ ने सुपौल से सरायगढ़ रेल ट्रैक का पहले पुश ट्रॉली से निरीक्षण करते हुए 3.45 बजे सरायगढ़ पहुंचे। बाद में स्पेशल ट्रेन से हुए स्पीड ट्रायल में भी सीआरएस संतुष्ट दिखे।
सुपौल स्टेशन परिसर में कुछ देर के लिए रूके सीआरएस ने बताया कि सरायगढ़ तक जांच की गई। जांच में सबकुछ सामान्य दिखा। वे तीन-चार दिनों में अपनी रिपोर्ट दे देंगे। उधर, रेल निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सीआरएस निरीक्षण में सबकुछ सामान्य मिला है। कुछ प्वाइंट पर हल्का-फुल्का काम है जिसके लिए निर्देश दिए गए हैं। सीआरएस रिपोर्ट मिलते ही रेलवे बोर्ड और मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
संभावना है कि दो से तीन सप्ताह में सहरसा से सरायगढ़ तक ट्रेन सेवा शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल सुपौल तक आने वाली सवारी गाड़ी का विस्तार सरायगढ़ तक किये जाने की योजना है। मौके पर डीआरएम अशोक महेश्वरी, सीएओ निर्माण ब्रजेश कुमार, चीफ इंजीनियर निर्माण एसके शर्मा, डिप्टी चीफ इंजीनियर डीएस श्रीवास्तव, डीएमई चन्द्रशेखर प्रसाद, चीफ इंजीनियर संजीव शर्मा, सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार आदि थे।
सीआरएस स्पेशल ट्रेन से 8 बजे ही सुपौल पहुंच गए थे। हालांकि निर्धारित समय से करीब सवा घंटे देर से जांच शुरू हुई। सबसे पहले सुपौल स्टेशन पर पैनल और रिले रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान पैनल से सिग्नल के ऑपरेटिंग सिस्टम की जांच की। रेल सूत्रों की मानें तो ऑपरेटिंग सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी के कारण टेस्टिंग नहीं हो पाया। लेकिन कार्य की प्रगति से सीआरएस संतुष्ट दिखे। उन्होंने दो-तीन दिनों में पैनल से सिग्नल का परिचालन शुरू कराने का निर्देश दिया। इसके लिए एस एंड टी(सिग्नल) विभाग के इंजीनियरों से करीब 25 मिनट तक पूछताछ की। इसके बाद सरायगढ़ के लिए
निकल गए।