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पै्रक्टिकल लैब का नहीं मिल रहा लाभ

सुपौल | हिन्दुस्तान प्रतिनिधि बच्चों में प्रायोगिक क्षमता विकास को लेकर लाखों की...

पै्रक्टिकल लैब का नहीं मिल रहा लाभ
हिन्दुस्तान टीम,सुपौलWed, 03 Mar 2021 04:30 AM
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सुपौल | हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

बच्चों में प्रायोगिक क्षमता विकास को लेकर लाखों की लागत से स्कूलों में उपलब्ध कराई गई लैब सामग्री विभागीय उदासीनता की भेंट चढ़ रही है। कहीं शिक्षकों की कमी तो कहीं स्कूल प्रबंधन की उदासीनता से बच्चों को लैब का लाभ नहीं मिल रहा है।

इतना ही नहीं कई स्कूलों में तो लैब की कोई घंटी भी निर्धारित नहीं है। स्कूलों में विभाग से उपलब्ध कराई गई लैब सामग्री और उपस्कर एक कमरे में बंद पड़ा है। जिले में इक्का-दुक्का ही ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चों को लैब क्लास कराया जा रहा है। स्कूल प्रबंधनों की मानें तो जिले में विज्ञान के शिक्षकों की कमी है। स्कूल में लैब सामग्री तो उलब्ध है लेकिन पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। अन्य विषय के शिक्षकों की मदद से कभी-कभी ही बच्चों को लैब कराया जाता है।

जिले के 146 स्कूलों में तीन-तीन लाख की लागत से कराई गई है लैब की व्यवस्था: विभाग की मानें तो जिले में 88 उत्क्रमित और 131 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें सभी 88 उत्क्रमित स्कूल और 58 उच्च माध्यमिक स्कूलों में तीन-तीन लाख की लागत से लैब सामग्री उपलब्ध कराई गई है लेकिन अधिकांश जगह इसका बच्चों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। उधर, जानकारी के बावजूद विभाग द्वारा भी इस पर कोई पहल नहीं किया जा रहा है। 9वीं क्लास के छात्र सोहन कुमार, रोहित कुमार, रौशन कुमार आदि ने बताया कि स्कूल में आज तक प्रैक्टिल क्लास नहीं कराया गया है। स्कूल के एक कमरे में पै्रक्टिल क्लास के सभी सामान बंद हैं वहां छात्रों को जाने की अनुमति नहीं दी गई है। डीपीओ स्थापना राहुल चंद्र चौधरी ने बताया कि पै्रक्टिल क्लास नहीं चलने की जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी।

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