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खरीफ के मौसम में खाद की किल्लत

गेहूं की कटाई शुरू होते ही खाद व्यापारी किसानों से यूरिया, डीएपी सहित अन्य खाद का मनमाना कीमत वसूल रहे हैं। खासकर लॉकडाउन का बहाना बनाकर यूरिया 400 रुपये प्रति बोरा बेच रहे हैं। बढ़ी कीमत की चर्चा...

खरीफ के मौसम में खाद की किल्लत
हिन्दुस्तान टीम,सुपौलSun, 26 Apr 2020 10:38 PM
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गेहूं की कटाई शुरू होते ही खाद व्यापारी किसानों से यूरिया, डीएपी सहित अन्य खाद का मनमाना कीमत वसूल रहे हैं। खासकर लॉकडाउन का बहाना बनाकर यूरिया 400 रुपये प्रति बोरा बेच रहे हैं। बढ़ी कीमत की चर्चा करने पर टका सा जवाब देते हैं कि खाद नहीं है।

लॉकडाउन की आड़ में किसान न तो शिकायत दर्ज कर पाते हैं, न ही कोई अधिकारी किसानों के दर्द को सुनने को तैयार है। बेबस किसानों के पास मनमाने दर पर खाद लेना मजबूरी है। राजनीतिक दल भी इस शोषण के खिलाफ कभी भी आवाज बुलंद करने की जुर्रत तक नहीं दिखाते हैं।

नकली खाद और दवा से पटा बाजार : जानकारों का कहना है कि इस मौसम में खाद की मांग अधिक होने से खाद विक्रेता ब्रांडेड कम्पनी के बोरे में नकली और कम कीमत वाली खाद रिपैकिंग कर किसानों का शोषण कर रहे हैं। इन खाद विक्रेता को किसी तरह का प्रशासनिक भय नहीं होता है। इसलिए नकली और घटिया किस्म के खाद का मनमाना कीमत वसूली करते हैं। कमोबेश इससे बुरा हाल कीटनाशक दवाओं का है। इनका दाम काफी अधिक लिया जाता है, जबकि यह कोई खास फायदा नहीं करता है।

पीओएस मशीन से खाद बेचने की स्कीम फ्लॉप : कृषि विभाग ने दो साल पहले सभी खाद दुकानों पर पीओएस मशीन से ही खाद बिक्री करना अनिवार्य कर दिया था। विभाग से सभी लाइसेंसधारी विक्रेता को पीओएस मशीन भी दी गई थी। लेकिन यह अब महज शोभा की वस्तु बन गई है। कोई भी खाद विक्रेता इसका उपयोग करते नहीं हैं जबकि कृषि विभाग ने बिना पीओएस के खाद बिक्री पर रोक लगा दी थी।

सरकार के तय दर से अधिक कीमत वसूली करने वाले दुकानदार पर जांच कर कार्रवाई होगी।

पीके झा, डीएओ

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