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दुष्कर्म मामले में सात साल की सजा

दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एक दोषी को पॉक्सो एक्ट के तहत सात साल की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक साल का साधारण कारावास भुगतना...

दुष्कर्म मामले में सात साल की सजा
हिन्दुस्तान टीम,सुपौलFri, 01 Jun 2018 12:25 AM
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दिव्यांग नाबालिग से दुष्कर्म मामले में एक दोषी को पॉक्सो एक्ट के तहत सात साल की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर एक साल का साधारण कारावास भुगतना होगा। एडीजे वन आलोक राज की कोर्ट ने गुरुवार को दिल मोहम्मद उर्फ चिनगी को उक्त सजा सुनायी।

मामले में दिल मोहम्मद को धारा 376 के तहत सात साल और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी। इसके अलावा पॉक्सो 4 में सात साल सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी। दोनों सजा साथ साथ-चलेगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि कारा में बिताये गये अवधि का समायोजन किया जायेगा।

मामला डगमारा ओपी क्षेत्र के कमलपुर गांव से जुड़ा हुआ है। 20 अप्रैल 2016 को पीड़िता अपने खेत में सब्जी देखने गयी थी। उसी समय दिल मोहम्मद खेत के बगल में एक बांस के बगीचा में बैठा था। पीड़िता को आवाज देकर उसने बुलाया। पीड़िता के नहीं आने पर आरोपित वहां पहुंचा और खीरा खिलाने की बात कह पीड़िता से वहीं बगल के खेत में जाकर दुष्कर्म किया।

पीड़िता रोते-रोते अपने घर पहुंची और अपनी भाभी को सारी घटना की जानकारी दी। इसके बाद पीड़िता की भाभी ने अपनी सास को बताया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से नीलम कुमार और बचाव पक्ष की ओर से नागेन्द्र नारायण ठाकुर ने बहस की।

स्थानीय स्तर पर हुई थी पंचायत : घटना के बाद स्थानीय स्तर पर पंचायत भी हुई थी। पंचायत में बात नहीं बनने के बाद घटना के तीन दिन बाद केस दर्ज किया गया। पंचायत में आरोपित पर जुर्माना भी तय किया गया था लेकिन जुर्माना की राशि नहीं देने के बाद केस किया गया।

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