Kosi River Devastation Homes Lost Families Displaced Amid Rising Water Levels बेलागोठ : तीन दर्जन घर कटे, सौ से अधिक परिवार के घर कटाव की चपेट में, Supaul Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsSupaul NewsKosi River Devastation Homes Lost Families Displaced Amid Rising Water Levels

बेलागोठ : तीन दर्जन घर कटे, सौ से अधिक परिवार के घर कटाव की चपेट में

किशनपुर के दुबियाही पंचायत में कोसी नदी ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटों में तीन दर्जन से अधिक घर नदी में विलीन हो गए हैं, जिससे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुपौलWed, 3 Sep 2025 05:53 AM
share Share
Follow Us on
बेलागोठ : तीन दर्जन घर कटे, सौ से अधिक परिवार के घर कटाव की चपेट में

किशनपुर । एक संवाददाता जलस्तर बढने और घटने के बाद एक बार फिर कोसी नदी ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। दुबियाही पंचायत के वार्ड 6 में कोसी के तांडव से लोग भयभीत हो गए हैं। पिछले 24 घंटे में तीन दर्जन से अधिक घर कटकर कोसी नदी में विलीन हो गए हैं। लोग अपना आशियाना उजाड़ कर सुरक्षित स्थानों की और पलायन करने लगे हैं। मंगलवार को लोग अपने-अपने सामान और छोटे-छोटे बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर जाते देखे गए। कटाव पीड़ित परिवार विजय मंडल,इंद्रदेव मंडल,कमल मंडल ,सूर्यनारायण मंडल, सुभाष मंडल ,शत्रुधन मंडल,जीवछ मंडल, नागेश्वर मंडल, हरेराम मंडल, फुलेस्वर मंडल आदि ने बताया कि हम लोगों का घर कटकर कोसी नदी में विलीन हो गया है।

कहा की कोसी नदी किनारे बसे लगभग सौ से अधिक परिवार के घर कटाव की जद में हैं। कहा कि कटाव का इसी तरह रफ्तार रहा तो तीन दिनों तक में सभी परिवार के घर कटकर कोसी नदी में समा जाएंगे। ग्रामीणों ने कहा कि सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कोई साधन नहीं है। सरकारी नाव के अभाव में पीड़ित निजी नाव के सहारे अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में मोटी रकम चुकाना पड़ता है। अंचल प्रशासन की उदासीनता के कारण सरकारी नाव बहाल नहीं होने से लोगों को निजी नाव का सहारा लेना पड़ता है। पानी प्लांट और आंगनबाड़ी केंद्र कटकर कोसी नदी में बिलीन, पानी प्लांट के पंप संचालक लालदेव मंडल ने बताया कि सोमवार की देर शाम पानी प्लांट कटकर कोसी नदी में विलीन हो गया। कहां की पानी प्लांट कटने से पहले इसकी सूचना विभागीय अधिकारी को दी गई थी। लेकिन समय से अधिकारी के द्वारा पहल नहीं की गई , इसके कारण 5000 लीटर की पानी प्लांट कटकर कोसी नदी में समा गए है। उधर आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 130 की सेविका गुलाब देवी ने बताया कि किराए के फूस की घर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र दो दिन पहले कटकर कोसी नदी में विलीन हो गया। कहा की इसकी सूचना विभागीय अधिकारी को दे दी गई है। प्राथमिक विद्यालय बेलागोठ कभी भी कटकर नदी में हो जाएगा विलीन स्कूल के एचएम बबलू कुमार ने बताया कि बेलागोठ वार्ड 6 स्थित प्राथमिक विद्यालय में कुल 47 बच्चे नामांकन है। कहां की कटाव को देखकर ऐसा लग रहा कहा की भी स्कूल कटकर कोसी नदी में विलीन हो जाएगा। कहां की कटाव को देखकर दूसरे जगह पर स्कूल का संचालन किया जा रहा है। स्कूल कटने की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को दी गई है। वार्ड सदस्य रामकुमार मंडल ने बताया कि बेलागोठ वार्ड 6 में पिछले 12 दिनों से लगातार लोगों का घर कटकर कोसी नदी में समा रहा है। प्रशासन कटाव को रोकने के लिए कोई बाढ सुरक्षात्मक कार्य नहीं कर रहा है। कहा कि लोगों का घर उजड़ जाने के बाद घर में रखे सारा सामान बर्बाद हो गया है । लोग खाने के लिए लाले पड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से ना तो अब तक सुखा राशन दी गई है । ना ही शिविर चलाए जा रहा है ,इसके कारण लोगों में आक्रोश पनप रहा है। पीड़ित लालदेव मंडल ने कहा कि सबसे अधिक परेशानी हम लोगों को रात के अंधेरे में जहरीले सांप और भयानक जानवरों की चिंता सता रही है। कहा कि साल 2024 में सोलर प्लांट कटने के बाद हम लोगों का जीवन नर्क के समान हो गया है। कहां दिन तो किसी तरह कट जाता है। लेकिन रात गुजारना मुश्किल हो जाता है । प्रशासन के द्वारा स्ट्रीट लाइट की भी कोई प्रबंध नहीं की गई है। जबकि हर पंचायत के वार्ड में स्ट्रीट लाइट लगाने के बाद लोगों को अंधेरा से मुक्ति मिला है । लेकिन कोसी नदी के डेल्टा पर बसे हमलोगों की जिंदगी नरक के समान हो गया है। पीड़ित रामविलास मंडल ने कहा कि कोसी के तांडव से पिछले 12 दिनों से हम लोग परेशान हैं। कहा कि बाढ के समय हम लोगों को एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए नाव से ही आवागमन करना होता है। उसके बावजूद भी सरकारी नाव की बहाल नही किए जानें के कारण हम लोगों से निजी नाव के मालिक मोटी रकम वसूलते हैं। पीड़ित फुलदेव मंडल ने बताया कि इस समय हम लोगों के समक्ष आवागमन से लेकर खाने-पीने की समस्या गंभीर हो गई है। कहां की घर में रखें सारा सामान नदी में समा गए है। उसके बावजूद भी प्रशासन के द्वारा अब तक ना तो सुखा राशन दी गई है, ना ही कहीं सामुदायिक शिविर चलाया रजा हा है, जिसके कारण छोटे-छोटे बच्चे भी दाने-दाने के लिए लाले पड़ रहे हैं। कहां की चापाकल भी कोसी नदी में बह गया । चापाकल के अभाव में हमलोग कोसी नदी की दूषित पानी पीने को मजबूर है। लेकिन प्रशासन की ध्यान हम लोगों की ओर आकर्षित नहीं हो रहा है। पीड़ित देवराज मंडल ने कहा की यहा बाढ आती है तो काफी समस्या लेकर आती है। सबसे पहले यातायात सुविधा बाधित हो जाता है। बाढ़ के समय हर साल हम लोगों का घर कटने के अलावा उपजाऊ जमीन में फसल लगे जमीन भी कटकर नदी में विलीन हो जाता है। इस संबंध में सीओ सुशीला कुमारी ने बताया कि नाव बहाल करने की प्रक्रिया की जा रही है। कहा कि कहां कितना नाव की आवश्यकता है। इसको लेकर क्षेत्र के प्रतिनिधि व कर्मचारियों से रिपोर्ट तैयार कर नाव बहाल किया जाएगा। कहा कि सुखा राशन के लिए अंचल से रिपोर्ट तैयार जिला को भेज दी गई है। सामग्री मिलने के बाद पीड़ित परिवारों के बीच सुखा राशन का वितरण किया जाएगा। कहा कि दुबियाही पंचायत के बेलागोठ में स्थल निरीक्षण के लिए राजस्व कर्मचारी को भेजा गया है। सरकार की तरफ से मिलने वाले सभी सामान पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचाया जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।