कलश स्थापना के साथ शुरू हुआ चैती नवरात्र
चैत्र नवरात्र के पहले दिन रविवार को पूरे भक्ति भाव से विभिन्न चैती दुर्गा मंदिरों में कलश की स्थापना की गयी। शहर के चकला निर्मली स्थित चैती दुर्गा मंदिर में दिनभर भक्तों ने पूजा-अर्चना की और देवी...
चैत्र नवरात्र के पहले दिन रविवार को पूरे भक्ति भाव से विभिन्न चैती दुर्गा मंदिरों में कलश की स्थापना की गयी। शहर के चकला निर्मली स्थित चैती दुर्गा मंदिर में दिनभर भक्तों ने पूजा-अर्चना की और देवी मांग के जयकारे लगाये। भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी तो कुछ भक्तों ने उपवास भी रखा। नवरात्र के पहले दिन मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की गयी।
नौ दिन मां की अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्र को लेकर विभिन्न मंदिरों की साफ-सफाई के बाद रंगरोगन कराया गया है। अभी से ही मंदिरों में फूलबत्ती और झालर लगा दी गयी हैं। मंदिरों के आसपास का माहौल पूरी तरह भक्तिमय बना हुआ है। उधर, सदर प्रखंड के कर्णपुर धाता टोला वार्ड 3 में भी रविवार को पूजा-अर्चना कर कलश स्थापित किया गया। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि 26 और 27 मार्च को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिले के विभिन्न प्रखंडों में भी चैती दुर्गा को लेकर उत्साह चरम पर है। सुबह से ही मंदिरों में कलश स्थापना और मां दुर्गा की पूजा अर्चना का दौर जारी है। कई श्रद्धालुओं ने बुधवार से ही नवरात्र का व्रत भी शुरू कर दिया है। शहर के विभिन्न धार्मिक दुकानों पर नवरात्र पूजा की सामग्री सजा दी गयी हैं। मंदिरों में प्रतिमा बनाने का काम जारी है। आचार्य पंडित धर्मेन्द्र नाथ मिश्र की मानें तो चैती नवरात्र का महत्व फलदायी होता है। इस नवरात्र में सच्चे मन से मन्नतें मांगने पर मां भक्तों की हर मुराद पूरी करती हैं। भक्तों में उत्साह है।