सुपौल : जिले में एनडीए के बिहार बंद का रहा मिलाजुला असर, शांतिपूर्ण प्रदर्शन
सुपौल में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भाजपा में प्रधानमंत्री मोदी को दी गई मां की गाली के विरोध में एनडीए का बिहार बंद मिला-जुला असर रहा। कार्यकर्ताओं ने सड़कों को जाम कर प्रदर्शन किया और...

सुपौल, हिन्दुस्तान संवाददाता। महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान भाजपा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी गई मां की गाली के विरोध में एनडीए के बिहार बंद का जिले में मिला-जुला असर रहा। जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों में सड़क यात्रा सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। भाजपा, जदयू समेत सहयोग दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे थे। शहर के लोहिया चौक पर सुबह 7 बजे से ही एनडीए कार्यकर्ता हाथों में पार्टी का झंडा लिए सड़क पर उतर गये। 8 बजते-बजते कार्यकर्ताओं को जमावड़ा हो गया और दो घंटे लिए सड़क को जाम कर प्रदर्शन भी किया। इस दौरान माइकिंग के जरिए लोगों ने अपनी दुकानों को बंद रखने का अनुरोध भी किया जाता रहा।
कार्यकर्ता ‘मां का अपमान नहीं सहयोग हिन्दुस्तान आदि नारे भी लगा रहे थे। कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह पीएम के मां का ही नहीं देश के 140 करोड़ लोगों का अपमान है। कहा कि राजद-कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत माताजी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करके देश की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है। सड़क जाम कर प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ता शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण कर लोगों से 12 बजे तक अपनी दुकान बंद रखने की अपील कर रहे थे। बंद के दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्र ऋषिदेव, जदयू जिलाध्यक्ष राजेन्द्र यादव, अररिया जिला प्रभारी डॉ. विजयशंकर चौधरी, जदयू के युगल किशोर अग्रवाल, प्रमोद मंडल, हरेकांत झा, बंटी मिश्रा, हरिमोहन विश्वास, गगन ठाकुर, जयंत मिश्र, डॉ. विमल, प्रकाश झा, विमलेंदु ठाकुर, धर्मपाल, फेकन सादा, पप्पू साह, रंधीर ठाकुर, संतोष प्रधान, सरोज झा, सुरेन्द्र पाठक, विनीत सिंह सहित काफी संख्या में एनडीए कार्यकर्ता मौजूद थे। चौक-चौराहों पर तैनात थे सुरक्षाकर्मी: बंद के दौरान विधि-व्ववस्था बनाए रखने के लिए सभी चौक-चौराहों पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी। शहर में सदर थानाध्यक्ष अनिरूद्ध कुमार स्वयं बंद समर्थकों के पीछे-पीछे चल रहे थे।
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