
सुखबीर सिंह बादल अब पटना साहिब से तनखैया घोषित, अकाल तख्त भी पहले दे चुका है सजा
संक्षेप: सुखबीर सिंह बादल को सफाई देने के लिए कई बार मौके दिए गए। पक्ष रखने के लिए उन्हें समय दिया गया लेकिन वह हाजिर नहीं हुए।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को एक बार फिर से तनख्वैया घोषित किया गया है। तख्त श्री हरमंदिर जी गुरुद्वारा पटना साहिब की ओर से यह फैसला सुनाया गया है। पटना साहिब के पंच प्यारे सिंह साहिबानों की विशेष बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस नए हुक्मनामे से सुखबीर सिंह बादल की मुश्किल है बढ़ती हुई दिख रही हैं। इससे पहले अकाल तख्त उन्हें सजा दे चुका है।

सुखबीर सिंह बादल को सफाई देने के लिए कई बार मौके दिए गए। अपना पक्ष रखने के लिए उन्हें समय दिया गया लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। उन्हें 1 जून को 10 दोनों का समय दिया गया था। उसकी समाप्ति के बाद 20 दिन की अतिरिक्त मोहलत दी गई। इससे पहले 21 मई को पांच प्यारों की आपात बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह और तख्त् श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा टेक सिंह को जारी हुकमनामा का उल्लंघन करने के आरोप में दोषी करार दिया गया और उन्हें तनख्वैया घोषित कर दिया गया था।
इसमें सुखबीर सिंह बादल को साजिशकर्ता माना गया था और उन्हें तख्त साहिब में हाजिर होने का आदेश दिया गया था। तीन-तीन बार समय दिए जाने पर भी बादल उपस्थित नहीं हुए। अकाली दल अध्यक्ष पर यह कार्रवाई तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के संविधान और मर्यादाओं का उल्लंघन करते हुए हुए राजनीति से प्रेरित आदेश जारी करने की वजह से की गई है।
इसमें पटना साहिब के नियमों संविधान और उप नियमों को चुनौती देने की बात कही गई है। जारी हुक्मना में कहा गया है कि बार-बार मोहलत देने पर आप पेश नहीं हुए इससे जाहिर होता है पूरे घटनाक्रम में संलिप्त हैं।





