35 साल बाद क्यों खुली आंख? सुभाष खुद गुंडा है; लालू पर आरोपों के बचाव में उतरे बड़े साले साधु यादव
राजद सुप्रीमो लालू यादव पर गंभीर आरोप लगाने वाले साले सुभाष यादव के खिलाफ उनके बड़े भाई साधु यादव ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होने कहा कि सुभाष खुद गुंडा है, उसके घर अपराधियों का अड्डा लगता था। किसी पार्टी में पद के लिए ऐसे आरोप लगा रहा है। 35 साल बाद क्यों उसकी आंख खुली?

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव पर सीएम हाउस में अपहरण की डील करने का आरोप लगाने वाले साले सुभाष यादव के खिलाफ उनके बड़े भाई साधु यादव उतर आए हैं। उन्होने कहा कि 35 साल बाद इनकी आंख खुली है, इतने सालों से वो चुप क्यों थे? मैंने पहले भी लालू प्रसाद से कहा था कि इसको तवज्जो नहीं दीजिए। इसी के घर पर गुंडों और अपराधियों का अड्डा लगता था। आपको बता दें सुभाष यादव के आरोपों के बाद एनडीए भी लालू परिवार पर हमलावर हो गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सगे भाई पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष यादव ने गुरुवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर कई गंभीर आरोप लगाकर बिहार में सियासी सनसनी पैदा कर दी। मीडिया के समक्ष खुलासा के अंदाज में सुभाष ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के कार्यकाल में मुख्यमंत्री आवास में अपहरण कांडों की डील होती थी और अपराधियों को संरक्षण दिया जाता था।
याद रहे कि राजद शासन में सुभाष यादव लालू- राबड़ी के काफी करीबी रहे और सत्ता में इनका काफी दबदबा था। पिछले एक दशक से सुभाष यादव और लालू परिवार के बीच संवादहीनता की स्थिति और रिश्ते में 36 का आंकड़ा है। बहरहाल सुभाष के बयानों ने एनडीए को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है। वैसे लालू प्रसाद के दूसरे साले पूर्व सांसद साधु यादव ने अपने भाई के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि सुभाष यादव खुद बताएं कि वे क्या कर रहे थे। दूसरी तरफ़ इंडिया गठबंधन के नेताओं ने सुभाष को एनडीए की ओर से खड़ा किया गया पात्र बताया है।
पूर्व सांसद सुभाष यादव ने एक चैनल से बातचीत में आरोप लगाया कि पूरे बिहार में अपराधियों को पालना लालू प्रसाद का काम था। उन्होंने अपनी बेटी की शादी में गाड़ी उठवाई थी। उन्होंने बच्चा राय और आजाद गांधी का नाम लेते हुए कहा कि लालू यादव के कहने पर यह हुआ था। इस सवाल पर कि आपकी भी तो भांजी थी, सुभाष ने कहा कि जरूरत तो लालू यादव को थी गाड़ी की, मामा को जरूरत नहीं थी। इस सवाल पर कि अपहरण का आरोप तो आप पर भी लगा, सुभाष यादव ने खुद को पाक-साफ बताते हुए कहा कि लालू जी के ऊपर लिखित आया तो सजा हुई। क्या मेरे नाम से एफआईआर है? हम लोग अपहरण करते हैं? अपहरण तो वो लोग करवाते थे, जिसके माध्यम से करवा लें। छुड़वाते भी वही लोग थे।
आरोप गलत, किसी पद के लिए ऐसा कह रहा: साधु यादव
लालू प्रसाद के दूसरे साले साधु यादव ने कहा कि ये आरोप गलत है, इसे सिरे से खारिज करते हैं। 35 वर्ष बाद इनकी आंख खुली है क्या, वे क्या कर रहे यह न बताएं? मैंने पहले भी लालू प्रसाद से कहा था कि इसको तवज्जो नहीं दीजिए। इसी के घर पर गुंडों व अपराधियों का सब अड्डा लगता था। यह वायरलेस पर बात करता था। यही दोषी है। किसी पार्टी से पद हासिल करने के लिए यह ऐसी बात कर रहा है।
सच्चाई सामने लाने के लिए सुभाष को धन्यवाद: दिलीप जायसवाल
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि सच सामने लाने के लिए सुभाष यादव को धन्यवाद है। साधु यादव एवं सुभाष यादव उनके (लालू प्रसाद के) दो रिश्तेदार, उस समय मुख्यमंत्री निवास और मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के काफी नजदीक थे। इसलिए अगर वे कोई खुलासा कर रहे हैं तो वह बिहार के लोगों के बीच जाना चाहिए। इस सच्चाई को जनता को जानना चाहिए। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि अभी तक हमलोग कहते आ रहे थे कि राजद के समय में जंगलराज था, आज उन्हीं के परिवार के लोगों ने इसकी पुष्टि कर दी है।
बिहार की जनता राजद शासन को भूली नहीं है: सम्राट चौधरी
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के जिन लाखों लोगों को लालू राज में बढते अपराध, चौपट विकास और बढती बेरोजगारी के कारण अपना घर-गांव छोड़कर रोजी-रोटी के लिए दिल्ली-पंजाब-हरियाणा जाना पड़ा, वे कभी लालू प्रसाद पर भरोसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता राजद शासन के पुराने दौर को नहीं भूली है, जब मुख्यमंत्री आवास में अपराधियों को संरक्षण मिलता था। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता मनीष यादव ने कहा कि सीएम हाउस से ही सारी डील होती थी। यह बात हमलोग लगातार कहते रहे हैं।
राजद-कांग्रेस ने कहा, मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा कि जबतक विधानसभा, विधान परिषद में भेजे जाते रहते हैं तबतक किसी को कोई शिकायत नहीं होती, जैसे ही इससे वंचित होते हैं तो जहर उगलना शुरू कर देते हैं। प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि राज्य में बढ़ते अपराध के कारण जब सरकार की भद्द पिट रही है, तो इससे बचने और मुद्दे से भटकाने के लिए किसी को सामने लाया गया है।