जो लोग कमेंट कर रहे हैं वे बड़े हैं, मुझे कुछ नहीं कहना... मामा साधु यादव की नाराजगी पर बोले तेजस्वी
घर में लक्ष्मी आती हैं तो घर उजाला होता है। हमें नई ऊर्जा मिली है। इस ऊर्जा का इस्तेमाल बिहार की जनता की सेवा में लगाएंगे। दोनों परिवार की मर्जी और आशीर्वाद से हमलोग एक हुए हैं। इनका नया नाम राजश्री...

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घर में लक्ष्मी आती हैं तो घर उजाला होता है। हमें नई ऊर्जा मिली है। इस ऊर्जा का इस्तेमाल बिहार की जनता की सेवा में लगाएंगे। दोनों परिवार की मर्जी और आशीर्वाद से हमलोग एक हुए हैं। इनका नया नाम राजश्री है। पिता लालू प्रसाद ने यह नया नाम इसलिए दिया है कि किसी को पुकारने में परेशानी नहीं हो। इन्हें (पत्नी की ओर इशारा कर) भी यह नाम पसंद है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शादी के बाद जब सोमवार को पटना लौटे उन्होंने ये बातें कहीं। पत्रका
रों के सवाल पर कहा कि किसी को नाराजगी है कि नहीं मुझे नहीं पता। जो लोग कमेंट कर रहे हैं वे बड़े हैं, मुझे कुछ नहीं कहना। हमलोग लोहियावादी हैं। जब हम ए टू जेड की बात करते हैं तो भेदभाव करना ठीक नहीं है। परिवार में खुशी का पल है। दोनों परिवार की मर्जी और आशीर्वाद से हम एक हुए हैं। नई ऊर्जा मिली है। इस ऊर्जा को बिहार की जनता की सेवा में लगाना है।
आतिशबाजी के बीच तेजस्वी पत्नी संग घर में प्रवेश किये
तेजस्वी यादव शादी करने के बाद सोमवार की रात पत्नी के साथ पटना पहुंचे तो एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद आतिशबाजी की बीच नई दुल्हन के साथ तेजस्वी राबड़ी आवास दस सर्कुलर रोड में प्रवेश किये। बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने ढोल बाजे से उनका स्वागत किया तो अंदर मां राबड़ी देवी ने परम्परागत तरीके से बहू का स्वागत किया। इसके पहले उनके आने की सूचना मिलते ही कार्यकर्ता भैया-भाभी जिन्दाबाद के नारे लगाने लगे। बाहर निकलने के बाद लगभग 15 मिनट का समय सुरक्षाकर्मियों के लिए चुनौतीपूर्ण था। भीड़ इतनी थी कि सुरक्षा के सारे घेरे टूट गये। किसी तरह विधायक और कुछ कार्यकर्ताओं के सहयोग से पुलिसकर्मियों ने पत्नी संग तेजस्वी को गाड़ी तक पहुंचाया। एयरपोर्ट गेट के दस कदम दूर खड़ी सजी हुई गाड़ी तक पहुंचने में तेजस्वी को लगभग 12 मिनट लग गये।
दस सर्कुलर रोड के पास जैसे ही तेजस्वी की कार पहुंची आतिशबाजी का दौर शुरू हो गया। कार्यकर्ताओं का उत्साह ऐसा था कि उनकी गाड़ी के साथ ही डेढ़ से दो सौ कार्यकर्ता अंदर प्रवेश कर गये। तेजस्वी पत्नी संग मुख्य भवन में चले गये। राबड़ी देवी ने बहू को कार से उतारा और परम्परागत तरीके से आरती कर घर में प्रवेश कराया। उधर, बाहर कार्यकर्ताओं को संभालना सुरक्षाकर्मियों के लिए कठिन हो रहा था। सौ को पुलिस बाहर निकालती तो दौ सौ अंदर प्रवेश कर जाते। इस बीच जमकर नारेबाजी भी होती रही।
