पटना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए क्या किया : हाईकोर्ट
प्रदूषण को लेकर दायर अर्जी पर शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में प्रदूषित शहरों में पटना शामिल है। लोग प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं । प्रदेश का जलस्तर प्रत्येक वर्ष...
प्रदूषण को लेकर दायर अर्जी पर शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में प्रदूषित शहरों में पटना शामिल है। लोग प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं । प्रदेश का जलस्तर प्रत्येक वर्ष नीचे जा रहा है, लेकिन इसका किसी को परवाह नहीं है।
कोर्ट ने राज्य सरकार व बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड को अब तक की गई कार्रवाई रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि ध्वनि एवं वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार कितनी चिंतित है।
न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय तथा न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने डॉ. रेणु कुमारी की ओर से दायर लोकहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। आवेदक के वकील ने कोर्ट को बताया कि खासकर डीजल वाहनों से प्रदूषण फैल रहा है। उस पर लगाम लगाने की जरूरत है। डीजल की जगह सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों को तवज्जो दी जानी चाहिए । अदालत ने कहा कि पटना कंक्रीट शहर में तब्दील हो रहा है। यहां अधिक से अधिक पौधे लगाने पर ध्यान देना चाहिए। हरे-भरे पेड़ों के काटने पर भी रोक लगानी चाहिए।
जवाब देने कोई नहीं पहुंचा
अधजली लाश व लकड़ी फेंके जाने के कारण वायु और गंगा में प्रदूषण फैल रहा है। लकड़ी से अंतिम संस्कार में 15 हजार रुपये लग जाते हैं, जबकि विद्युत शवदाह गृह में सिर्फ 350 रुपये लगते हैं, जो बहुत ही सस्ती है। स्थायी लोक अदालत द्वारा जारी नोटिस पर विपक्षीगण नगर निगम के आयुक्त की ओर से कोई अधिकारी या वकील जवाब देने को उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने फैसला दिया और जारी निर्देश का तामिला कराने को नगर निगम के आयुक्त के पास फैसले की प्रतिलिपि भेजी गई है।
तीनों विद्युत शवदाह गृह तुरंत चालू करें
पटना सिविल कोर्ट की स्थायी लोक अदालत ने पटना नगर निगम के आयुक्त को बांसघाट, गुलबीघाट और खाजेकलां स्थित विद्युत शवदाह गृह को तुरंत चालू करने का निर्देश दिया है। अदालत ने फैसले की प्रतिलिपि नगर निगम के आयुक्त को भेजी है। स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायाण सिंह, सदस्य विनय कुमार सिन्हा ने अपने फैसले में कहा कि विद्युत शवदाह गृह चालू नहीं रहने से वायु प्रदूषण और गंगा का पानी गंदा हो रहा है। पटना नगर निगम के तहत चलने वाले विद्युत शवदाह गृह कई महीनों से बंद पड़े हैं, जिससे गरीब, असहाय, निर्धन लोगों को भीषण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही अधजली लाश और लकड़ी गंगा में फेंक दी जाती है।