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'क्या जोक है', उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा पर बोले नीतीश कुमार, भाजपा ने किया था दावा

नीतीश कुमार ने कहा, "क्या मजाक है? मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने उनके राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को कितना समर्थन दिया? हम चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रहे थे

'क्या जोक है', उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा पर बोले नीतीश कुमार, भाजपा ने किया था दावा
Himanshu Jhaलाइव हिन्दुस्तान,पटना।Thu, 11 Aug 2022 11:35 AM

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बिहार के मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। पटना में आज पत्रकारों ने जब उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'क्या जोक है'। इसके अलावा अपने पूर्व डिप्टी सीएम पर भी तंज कसा है।

आपको बता दें कि इससे पहले सुशील मोदी ने कहा था कि जेडीयू के कुछ बड़े नेता बीजेपी आलाकमान के पास पहुंचे थे और अपने नेता को उपराष्ट्रपति बनाने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि जब बीजेपी ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया तो बिहार में जेडीयू ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया।

सुशील मोदी के दावे को बिल्कुल फर्जी बताते हुए नीतीश कुमार ने कहा, "क्या मजाक है? मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने उनके राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को कितना समर्थन दिया? हम चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रहे थे और फिर हमारी बैठक बुलाई।"

नीतीश कुमार ने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "उन्हें मेरे बारे में इतनी बात करने दें कि उन्हें कोई पद मिल जाए।"

क्या कहा था सुशील मोदी ने?
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि एनडीए से अलग होने का मुख्य कारण नीतीश कुमार को उप-राष्ट्रपति नहीं बनाना भी है। उनके लोगों ने कई बार नीतीश कुमार को उप-राष्ट्रपति बनाने के लिए भाजपा से बात की और इसके लिए कोशिश भी की। परंतु जब भाजपा के पास अपना बहुमत है, तो वह दूसरे को क्यों बनाती उपराष्ट्रपति। 

सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने नीतीश कुमार से बातकर उनकी नाराजगी जानने की पूरी कोशिश की, लेकिन हर बार वे किसी नाराजगी से इनकार करते रहे। अब कह रहे हैं कि उन्हें अपमानित किया गया। किसने क्या किया, यह बता ही नहीं रहे हैं। जदयू को तोड़ने के आरोप पर कहा कि तोड़कर भी क्या करते, उतनी सीटों की बदौलत भाजपा की सरकार सूबे में नहीं बनने वाली थी। महाराष्ट्र की शिवसेना वाली स्थिति यहां नहीं थी। भाजपा कभी अपने सहयोगी को नहीं तोड़ती है। धोखा देने की फितरत भाजपा की नहीं है।''

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार पिछली बार राजद से अलग हुए थे। इस बार उनके डिप्टी सीएम चार्जशीटेड हैं। बेल पर बाहर हैं और कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। वह कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं।

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