Weather Alert: बिहार में आज भी तूफान की चेतावनी, जानें क्यों बदला मौसम का मिजाज
बिहार के कई इलाकों में बुधवार को तूफान आ सकता है। मौसम विभाग ने काल वैशाखी का अलर्ट जारी किया है। मंगलवार शाम से ही इसका असर दिखने लगा। जिसके चलते कई जिलों में तेज हवा चली। क्या है काल...
बिहार के कई इलाकों में बुधवार को तूफान आ सकता है। मौसम विभाग ने काल वैशाखी का अलर्ट जारी किया है। मंगलवार शाम से ही इसका असर दिखने लगा। जिसके चलते कई जिलों में तेज हवा चली।
क्या है काल वैशाखी -100 मीटर के व्यास में 60 से 70 किलोमीटर की रफ्तार में हवा पहुंचती है। दो से तीन मिनट तक बनने वाले इस तूफान की चपेट में जो भी आता है, वह पूरी तरह ध्वस्त हो जाता है।
19 जिलों में अलर्ट
पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, छपरा, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा में अलर्ट जारी किया गया। इन जिलों में 70 किमी की रफ्तार से आंधी-पानी के साथ ओलावृष्टि हो सकती है।
अन्य जिलों भी आंधी-पानी के आसार
बिहार के उत्तर-पश्चिमी इलाकों से सटे नेपाल के हिस्से में मजबूत सिस्टम बन रहा है। इस सिस्टम का असर सूबे के कई जिलों पर पड़ने के आसार हैं। बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, जहानाबाद, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, नवादा, कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया, जमुई में रेड अलर्ट नहीं जारी किया गया है। लेकिन, यहां आंधी-पानी की संभावना है।
पटना में चार डिग्री गिरा अधिकतम तापमान
तीन दिनों तक भीषण गर्मी झेलने के बाद पटना समेत पूरे राज्य के लोगों को मंगलवार को थोड़ी राहत मिली है। मंगलवार को राजधानी का अधिकतम तापमान सोमवार के मुकाबले चार डिग्री नीचे गिरकर 37.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। सुबह से दोपहर 12 बजे तक चली पुरवा के कारण पटना में आर्द्रता 70 फीसदी तक पहुंच गयी। पटना के अलावा गया का भी दिन का तापमान तीन डिग्री नीचे गिरकर 39.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है।
क्यों हुआ ऐसा
पश्चिमी विक्षोभ के कारण नेपाल से सटे उत्तरी इलाकों में ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ था। इधर बिहार में दो दिन से धरती तप रही थी। अचानक नमी बढ़ने के कारण तेजी से बादल बने। ऊपरी लेयर में चल रही पश्चिमी हवा और नीचे चल रही पूर्वी हवा आपस में मिल गई। इस कारण तूफान की स्थिति बनी। उधर राजस्थान और उसके आसपास के इलाकों में पहले से ही ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ था। वहीं उत्तरी बिहार से मिजोरम तक बने ट्रफ लाइन के कारण एक साथ कई सिस्टम मिल गए। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के उपनिदेशक आनंद शंकर ने बताया कि मार्च से अप्रैल के बीच बिहार में काल वैशाखी के हालात बनते ही हैं।