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चंपारण व मिथिलांचल की नदियों में फिर बढ़ रहा पानी, चिंता में डूबे बाढ़ पीड़ित

उत्तर बिहार व नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में दो दिनों की हुई तेज बारिश से चंपारण और मिथिलांचल से गुजरतीं नदियों के जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगी है। दोनों जिलों में बाढ़ की आंशका एक बार फिर...

चंपारण व मिथिलांचल की नदियों में फिर बढ़ रहा पानी, चिंता में डूबे बाढ़ पीड़ित
मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाताThu, 13 Aug 2020 06:39 PM
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उत्तर बिहार व नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में दो दिनों की हुई तेज बारिश से चंपारण और मिथिलांचल से गुजरतीं नदियों के जलस्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी होने लगी है। दोनों जिलों में बाढ़ की आंशका एक बार फिर गहराने लगी है। हालांकि मुजफ्फरपुर में गुरुवार को पहली बार गंडक, बूढ़ी गंडक व बागमती का जलस्तर एक साथ खतरे के निशान से नीचे आया है।

मुजफ्फरपुर में गुरुवार को गंडक का जलस्तर 53.79 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान से करीब एक मीटर नीचे है। वहीं बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.24 मीटर मापा गया, जो खतरे के निशान से करीब 30 सेमी नीचे हैं। बागमती का जलस्तर भी खतरे के निशान से नीचे है। लोग तीनों नदियों के जलस्तर के नीचे आने से राहत की सांस ले ही रहे थे कि दो दिनों की बारिश के बाद एक बार फिर नदियों के जलस्तर में उछाल आने की आशंका बढ़ गई है। पूर्वी चंपारण में सभी नदियों के जलस्तर में उछाल दर्ज की गई। मोतिहारी में गंडक व बूढ़ी गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी से एक बार फिर निचले इलाके में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है। गुरुवार को वाल्मीकिनगर बराज से 2.33 लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़ा गया। अगले 36 घंटे में मुजफ्फरपुर में भी गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी संभावित है।

वहीं दरभंगा में बागमती के जलस्तर में छह सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह खतरे के निशान से करीब 82 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं कमला नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे होने के बावजूद इसमें बढ़ोतरी हुई है। दो दिन की बारिश से शहर के कई मोहल्लों में पानी भर गया है। खासकर मंड पोखर, वीरा डेरा, शिवाजी नगर व शुभंकरपुर में पानी कमर से ऊपर जमा हो गया है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक उत्तर बिहार व नेपाल में अगले दो दिन और बारिश की संभावना है। ऐसे में जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। 

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