ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारभिखनाठोरी बॉर्डर पर पानी के विवाद का नहीं निकला हल

भिखनाठोरी बॉर्डर पर पानी के विवाद का नहीं निकला हल

पश्चिम चम्पारण में इंडो-नेपाल के भिखनाठोरी बॉर्डर पर नेपालियों द्वारा भारतीय क्षेत्र में आने वाले दो नाले में से एक का पानी बंद करने से उपजा विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। इस विवाद के कारण दोनों देश...

भिखनाठोरी बॉर्डर पर पानी के विवाद का नहीं निकला हल
नरकटियागंज(प.च.)। हमारे संवाददाताWed, 03 Jun 2020 11:29 AM
ऐप पर पढ़ें

पश्चिम चम्पारण में इंडो-नेपाल के भिखनाठोरी बॉर्डर पर नेपालियों द्वारा भारतीय क्षेत्र में आने वाले दो नाले में से एक का पानी बंद करने से उपजा विवाद अभी भी शांत नहीं हुआ है। इस विवाद के कारण दोनों देश के नागरिकों के बीच तनाव की स्थिति है। नरकटियागंज के एसडीएम चंदन कुमार चौहान ने भारतीय नागरिकों से शांति बनाये रखने की अपील की है। उन्होंने एक पखवारे में स्थायी हल निकल जाने की उम्मीद जताई है।
इधर, सोमवार की शाम एसडीएम व एसडीपीओ सूर्यकांत चौबे भिखनाठोरी पहंुचे। वहां एसएसबी बीओपी में विवाद के हल को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में विधायक भागीरथी देवी व जिला परिषद अध्यक्ष शैलेंद्र गढ़वाल भी थे। एक तरफ विधायक, जिप अध्यक्ष व अधिकारियों की बैठक चल रही थी तो दूसरी तरफ भारतीय क्षेत्र के आसपास ग्रामीण नाला खुलवाने की रणनीति तैयार कर रहे थे। भारतीय नागरिक किसी भी सूरत में नाले को खोलवाने की मांग पर अड़े हुए थे। हालांकि बैठक समाप्त होने के बाद एसडीएम व एसडीपीओ भारतीय नागरिकों के पास आये और उनसे शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की। एसडीएम ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि मामले का शांतिपूर्णं हल जल्द ही निकाल लिया जाएगा। इसके लिए उच्च अधिकारी स्तर पर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि एक पखवारे के अंदर स्थायी हल निकल जाएगा। हालांकि नाले को खोलवाने की मांग को लेकर भवानीपुर, खैरटिया, एकवा, भिखनाठोरी आदि गांव के लोग वहां लगातार जमे हुए हैं।
पानी बंद होने से परेशान हैं बारहगांवा के ग्रामीण
भिखनाठोरी बॉर्डर पर उजली पहाड़ी के नीचे से दो नाले निकलकर भारतीय क्षेत्र में आते हैं। इन नालों से थरुहट क्षेत्र के 12 गांवों के लोगों को लाभ मिलता है। यह नाला वीटीआर के जंगलों से भी होकर गुजरता है। नाले के पानी से जंगली जानवर भी प्यास बुझाते हैं। भवानीपुर, खैरटिया, दोमाठ, बेतहनिया, देवाढ़ सहित कई गांव के लोगों की धान की खेती भी नाले की पानी पर निर्भर है। अमूमन हर साल अपै्रल से जून के बीच भारतीय क्षेत्र में आने वाले नालों की पानी को नेपाली नागरिक बंद कर देते हैं और सभी पानी का रूख नेपाल जाने वाले नाले में मोड़ देते हैं। इस विवाद का मुख्य कारण यही है।

 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें