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उपेंद्र कुशवाहा आर-पार के मूड में, कहा- नीतीश कुमार मेरी यह बात मानें वरना JDU को डूबने से कोई नहीं बचा पाएगा

पार्टी को बचाना है तो नीतीश कुमार मेरी बात मानें, मैं जो कह रहा हूं वैसा करें। आरजेडी के साथ हुई डील पर विचार नहीं करें बल्कि, अति पिछड़ा लव-कुश समाज से आने वाले किसी नेता को आगे लाएं।

उपेंद्र कुशवाहा आर-पार के मूड में, कहा- नीतीश कुमार मेरी यह बात मानें वरना JDU को डूबने से कोई नहीं बचा पाएगा
Sudhir Kumarलाइव हिंदुस्तान,पटनाWed, 08 Feb 2023 02:35 PM
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बिहार की राजनीति पल पल करवट ले रही है। नीतीश कुमार और जेडीयू के बड़े नेताओं से चल रही तनातनी के बीच उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है। कुशवाहा ने कहा है कि नीतीश कुमार मेरा कहा मानें वरना जेडीयू डूब जाएगी। उन्होंने कहा है कि आरजेडी से हुई डील को लागू किया गया तो जदयू को डूबने से कोई नहीं बचा सकता। उपेंद्र कुशवाहा का इशारा नीतीश कुमार के बयान की तरफ है जिसमें सीएम ने कहा था कि 2025 में विधानसभा का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

पटना में पत्रकारों ने उपेंद्र कुशवाहा  से सवाल किया कि नीतीश जी कह रहे हैं कि 2025 में विधानसभा चुनाव का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। वही बिहार के सीएम होंगे  इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि बिहार की जनता इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी। अगर ऐसा हुआ तो पार्टी बर्बाद हो जाएगी, डूब जाएगी   पार्टी को बचाना है तो नीतीश कुमार मेरी बात मानें,  मैं जो कह रहा हूं वैसा करें। आरजेडी के साथ हुई डील पर  विचार नहीं करें  बल्कि, अति पिछड़ा लव-कुश समाज से आने वाले किसी नेता को आगे लाएं।  तभी पार्टी बचेगी अन्यथा जदयू को समाप्त होने से कोई नहीं बचा सकता।

उपेन्द्र कुशवाहा पार्टी नेताओं का विरोध करते हुए भी पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं। दरअसल,  यह बयान देकर उन्होंने एक बड़ी चाल चल दिया है। उन्होंने नीतीश कुमार से साफ कह दिया है कि 2025 के विधान सभा चुनाव में तेजस्वी यादव का नेतृत्व कतई बर्दाश्त नहीं है।  अगर नेता ही चुनना है तो जेडीयू के किसी लवकुश समाज समीकरण के नेता को आगे बढ़ाया जाए। माना जाता है कि जेडीयू का बेस लवकुश  समीकरण ही है। उन्होंने नीतीश कुमार से कहा है कि अगर आप तेजस्वी यादव को नेता बनाकर आगे बढ़ा दते हैं तो जेडीयू बर्बाद हो जाएगी। इस पार्टी को डूबने से कोई नहीं बचा सकता। उपेंद्र  कुशवाहा ने यह भी घोषित कर दिया है कि उन्हें पार्टी में कोई पद नहीं दिया जाए तो भी चलेगा। लेकिन जदयू और बिहार की जनता तेजस्वी यादव के नेत़ृत्व को कभी स्वीकार नही करेगी।

बुधवार को पटना में मीडिया  के साथ बातचीत करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि वह  पूरी मजबूती के साथ पार्टी में हैं और उन्हें किसी से गोई डर नहीं है। मेरा हर बयान या काम पार्टी को मजबूत बनाने के लिए है। इसलिए  बार-बार मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं कि मुझे जहां जब बुला लें तब आकर बात करने को तैयार हैं। हम सिर्फ यही चाहते हैं कि पार्टी मजबूत हो। लेकिन राजद के साथ जिस डील की चर्चा उनके नेता करते हैं उसे खारिज किया जाए। जिस तरह से कथित डील की बात हो रही है उस डील के अनुरूप पार्टी काम नहीं करे बल्कि, जनता दल यूनाइटेड के अंदर से ही किसी दूसरे व्यक्ति को जो अति पिछड़ा ,पिछड़ा समाज का हो, लव कुश समाज का हो उसका नाम 2025 के लिए आगे किया जाए। अगर ऐसा होता है तो उपेंद्र कुशवाहा हर तरह से तैयार है। उन्होंने फिर कहा कि मेरी इस बात को मान लिया जाए तभी पार्टी मजबूत होगी वरना पार्टी बर्बाद हो जाएगी।

उपेंद्र कुशवाहा अपने हालिया बयान से नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि आरजेडी के कई नेता लगातार बोल रहे हैं कि 2025 के विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को नेता बनाने की डील  हुई है।  नीतीश कुमार आगे आकर यह बताएं कि ऐसा डील नहीं है। सीएम यह साफ करें कि वह तेजस्वी यादव को 2025 में आगे नहीं करेंगे। यही बात सामने आ जाए तो उपेंद्र कुशवाहा पार्टी का साधारण मेंबर बनकर रहने को तैयार है। हमें न संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनने की इच्छा  है और न ही राष्ट्रीय अध्यक्ष  बनना चाहते हैं। सिर्फ यही चाहते हैं कि बिहार की जनता की जो इच्छा है उसी के अनुसार जदयू पार्टी करे। जेडीयू के अंदर के लव कुश समाज, अति पिछड़ा समाज के किसी भी व्यक्ति , जिसे लोग पसंद करते हों, उनमें से किसी एक का नाम आगे बढ़ा दीजिए। उपेन्द्र कुशवाहा ने साफ कहा कि तेजस्वी यादव के नाम पर तो बिहार की जनता कभी तैयार नहीं होगी। अगर यही स्थिति रही तो जेडीयू को डूबने से कोई नहीं बचा सकता है।

उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि दो-चार लोग हैं जो मुख्यमंत्री के आसपास  घूमते रहते हैं।  सीएम अपने मन से कुछ नहीं करते हैं।  नीतीश कुमार ने बिहार को गर्त  से बाहर निकाला है। नीतीश कुमार की काबिलियत के चलते बिहार उस गर्त से बाहर निकलने में कामयाब हुआ। अब फिर उसी राह पर बिहार जा रहा है। गलती हो रही है। नीतीश कुमार को अपने दिल की बात सुनना चाहिए। वह ऐसा नहीं करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें भी दर्द है। लेकिन उनसे उनकी इच्छा के विरुद्ध ऐसा करवाया जा रहा है। उनसे आग्रह है कि मेरी बात मान लें और पार्टी को बचा लें।


 

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