केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार के बाद कांग्रेस ने अलगाववादी ताकतों का रुख कर लिया है। भाजपा कार्यालय के अटल सभागार में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कश्मीर में कांग्रेस गुपकार संगठन की साजिश का हिस्सा है। फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और चिदंबरम सहित कांग्रेस के कई नेता धारा-370 और 35ए की वापसी की बात कर रहे हैं। श्री राय ने कहा कि कश्मीर की जिन गलियों में खून के निशान थे, वहां अब विकास और सौंदर्य की खुशबू है। कश्मीर का डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट काउंसिल (डीडीसी) का चुनाव कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की विडंबना यह है कि उसे एयर स्ट्राइक क्या कोई भी स्ट्राइक समझ में ही नहीं आती। राहुल गांधी को अपनी समझदारी थोड़ी बढ़ानी चाहिए। कहा कि राहुल गांधी देश नहीं, केवल चीन और पाकिस्तान की बात ही समझते हैं। कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को धारा-370 और 35ए को लेकर अपनी स्पष्ट सोच देश के सामने रखनी चाहिए। कांग्रेस एक ओर नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी से दूरी दिखाने की कोशिश करती है तो दूसरी ओर कश्मीर में डीडीसी का चुनाव उनके साथ मिलकर लड़ती है।
नित्यानंद राय ने कहा कि अलगाववादी ताकतें और उनके समर्थक देश में फिर दो निशान, दो विधान और दो प्रधान लाने की साजिश रच रहे हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार किसी सूरत में देश की एकता-अखंडता और स्वाभिमान से समझौता करेगी।
क्या है गुपकार गठबंधन
गुपकार जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों का एक गठबंधन है, जिसे पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन (पीएजीडी) का नाम दिया गया है, जो एक तरह का घोषणा पत्र है। इसी गुपकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली सभी पार्टियों के एक समूह को गुपकार गठबंधन कहा जाता है। इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को पहले की तरह विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की है। इस गुपकार गठबंधन में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अलावा जम्मू-कश्मीर की 6 पार्टियां शामिल है।