बिहार: चाचा ने गला रेतकर दो मासूमों को मौत के घाट उतारा
बगलगीर चाचा ने ही अपने दो भतीजों को चाकू से गर्दन रेतकर मौत के घाट उतार दिया। घटना मंगलवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे महुआ के लगुंराव विलंदपुर गांव में हुई। घटना के बाद लोगों की भीड़ जुट गई और हत्यारे...
बगलगीर चाचा ने ही अपने दो भतीजों को चाकू से गर्दन रेतकर मौत के घाट उतार दिया। घटना मंगलवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे महुआ के लगुंराव विलंदपुर गांव में हुई। घटना के बाद लोगों की भीड़ जुट गई और हत्यारे को कमरे में बंद कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। हालांकि लोगों ने बाद में उसे पुलिस के कब्जे से लेना चाहा पर प्रशासन ने उसे बचाते हुए थाने में लाकर बंद कर दिया।
मृतक तीन वर्षीय हनी कुमार व चार वर्षीय आरुष कुमार गांव के क्रमश: बेअंत कुमार उर्फ लालबाबू सिंह तथा सतवंत कुमार सिंह के पुत्र थे। हनी के पिता बेअंत आर्मी में हैं और आरुष के पिता सतवंत कोलकाता में निजी कंपनी में काम करते हैं। दोनों मासूम अपने-अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे।
बताया गया कि बगलगीर चचेरा चाचा दोनों मासूमों को अपने कमरे में ले जाकर कैरम बोर्ड खेला रहा था। एकाएक उसने चाकू निकाला और दोनों की गर्दन रेतकर हत्या कर दी और मासूमों को उनके दरवाजे पर लाकर रख भी दिया। घटना के समय घर में हनी की शिक्षिका मम्मी ब्यूटी कुमारी व आरूष की मां नीतू कुमारी थी। जब दोनों बच्चों को मां ने लहूलुहान होकर छटपटाते देखा तो हल्ला हुआ और लोग दौड़े। पहले तो लोगों ने हत्यारे यशवंत उर्फ बबलू को कमरे में बंद कर दिया और दोनों मासूमों को लेकर इलाज के लिए पटना चल दिए। रास्ते में हाजीपुर के पास आरुष ने दम तोड़ दिया जबकि हनी ने पटना के पारस हास्पीटल की आईसीयू में अंतिम सांस ली।
गांव के छोटू कुमार, ब्रजकिशोर सिंह, राजेन्द्र ठाकुर आदि ने बताया कि यह घटना दिल को दहला देने वाली है। उन्होंने बताया कि दोनों मासूमों को घर के बगल वाले कमरे में ही गला रेतकर हत्या कर दी गई। घटनास्थल पर पलंग का बिछावन खून से लथपथ था। थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि यह जघन्य अपराध है। हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों के बयान पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
हत्या करने के बाद पलंग पर बैठा था चाचा
महुआ के लगुंराव विलंदपुर में दो मासूमों की गला रेतकर की गई हत्या से लोग हतप्रभ हैं। गांव के लोग भी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर हत्या क्यों की गयी। मासूमों के साथ उसका क्या द्वेष रहा होगा। लोगों की मानें तो हत्या करने के बाद भी चाचा ठाठ से पलंग पर बैठा था। भीड़ ने उसे कब्जे में लेकर धुनाई करने की कोशिश की पर पुलिस वाले उसे लेकर निकल गए। घर वालों में कोहराम मचा हुआ है। मृतक के सगे सबंधियों का आना जारी है।
मृत बच्चों के परिजनों में मचा कोहराम
मृत बच्चों के परिजनों में कोहराम मचा है। गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है और सब गम में डूबे हैं। हनी के मामा महुआ के कुत्तुबपुर निवासी नवल सिंह बताते हैं कि नाती को बहुत लार-दुलार देते थे। उसकी चंचलता पर सब मुग्ध हो जाते थे। हनी की मां ब्यूटी महुआ के ही परसौनिया मिडिल स्कूल में शिक्षिका हैं। घटना के वक्त वह घर पर थीं। कुत्तुबपुर के सच्चिदानंद सिंह, मृत्युंजय कुमार, धनंजय आदि ने बताया कि हनी जब ननिहाल आता था तो सब लोग उसे दुलार करते थे। आरुष भी सबके साथ मिलकर खेलता था। बहरहाल इस घटना के कारणों के संबंध में स्पष्ट रूप से कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।