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कोरोना महामारी: जान ले रहा आइसोलेशन वार्ड में मनमानी का इलाज, डॉक्टरों की लापरवाही पर उठ रहे सवाल

आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज की मौत हो जाती है और चंद घंटे में ही कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आती है। अस्पताल ऐसा सामान्य है लेकिन वह परिवार टूट जाता है जिस घर में मातम होता है। कोरोना के खौफ में ऐसे...

कोरोना महामारी: जान ले रहा आइसोलेशन वार्ड में मनमानी का इलाज, डॉक्टरों की लापरवाही पर उठ रहे सवाल
पटना । स्मार्ट रिपोर्टरMon, 06 Apr 2020 11:29 AM
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आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज की मौत हो जाती है और चंद घंटे में ही कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आती है। अस्पताल ऐसा सामान्य है लेकिन वह परिवार टूट जाता है जिस घर में मातम होता है। कोरोना के खौफ में ऐसे मामले तेजी से बढ़ गए हैं। आए दिन आइसोलेशन वार्ड में मौत के बाद बवाल होता है और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगता है। 

पटना मेडिकल कॉलजे में आधा दर्जन घटनाएं ऐसी हुई हैं जिसमें कोरोना के डर से इलाज में चूक हुई और मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में डाल दिया गया। शनिवार को भी एम युवक की मौत के बाद बवाल हुआ और रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई। कोरोना का लक्षण ऐसा होता है कि डॉक्टर भी निर्णय नहीं ले पाते हैं कि क्या करना है। दमा के रोगी या फिर फेफड़े के सामान्य संक्रमण में भी डॉक्टर संबंधित मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भजे देते हैं। 

पटना में आइसोलेशन वार्ड में जाने वाले अधिक संख्या में मरीज बाद में रिपोर्ट निगेटिव आने पर बाहर आते हैं, लेकिन जो गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं वह आइसोलेशन वार्ड में इस संदेह में ही दम तोड़ देते हैं कि कोरोना है या नहीं। दमा के मरीज को समय से आक्सीजन और उपचार नहीं मिला तो उनकी जान जा सकती है। ऐसा पटना मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। अब तक आइसोलेशन वार्ड में जितनी भी संदिग्ध मौत हुई है इसमें बड़ा कारण यही रहा है।

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