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बिहार के आला अफसरों ने दिया संपत्ति का ब्यौरा, ACS से अमीर उनकी पत्नी, DM से धनी कई SDM; जानें किसके पास कितनी दौलत?

बिहार प्रशासन के आला अफसरों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है। ACS चैतन्य प्रसाद से ज्यादा संपत्ति उनकी पत्नी के पास है। वहीं DM से धनी कई SDM है। मुख्य सचिव के पास मारुति 800 कार है।

बिहार के आला अफसरों ने दिया संपत्ति का ब्यौरा, ACS से अमीर उनकी पत्नी, DM से धनी कई SDM; जानें किसके पास कितनी दौलत?
Sandeepहिन्दुस्तान,पटनाSat, 01 Apr 2023 11:39 AM
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राज्य में कार्यरत आला प्रशासनिक अधिकारियों ने शुक्रवार की देर शाम अपनी संपत्तियों का ब्यौरा दिया है। ये ब्यौरा संबंधित महकमे की वेबसाइट पर घोषित किये गये हैं। राज्य सरकार की परंपरा के मुताबिक 31 मार्च को घोषित संपत्तियों में ज्यादातर आईएएस अधिकारियों से अमीर उनकी पत्नी हैं। अधिकारियों के पास कैश भले ही कुछ खास ना हो, लेकिन बैंकों में अच्छी-खासी रकम रखते हैं। गाड़ियों के शौकीन भले ही ना हों, लेकिन जमीन-जायदाद और मकान-फ्लैट पर्याप्त हैं। कई आईएएस अधिकारी रिवॉल्वर के तो कई सोने की ज्वैलरी के शौकीन हैं।

मुख्य सचिव के पास मारुति 800, कोई ज्वेलरी नहीं
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के पास नकद 65 हजार है। पीएफ में 12 लाख 92 हजार है। बैंक में पांच लाख, 26 हजार 920 रुपये है। उनके पास साल 2013 मॉडल की मारुति अल्टो 800 कार है। दो फ्रीज और एक डेढ़ टन का एसी है। कोई ज्वेलरी नहीं है। सीवान के बहुआरा गांव में विरासत में मिली एक बीघा कृषि भूमि है। पटना के सुल्तानगंज में 1.75 कह्वा गैरकृषि जमीन है। पटना के कंकड़बाग में चार हजार वर्गफीट का प्लॉट है जो उनकी स्व पत्नी से उन्हें विरासत में मिली है। पटना के बेली रोड में 1425 वर्गफीट का एक फ्लैट है, जिसे वर्ष 1998 में बिहार सरकार से एडवांस लेकर खरीदा गया था। 3 फरवरी को मुख्य सचिव के द्वारा घोषित उक्त संपत्ति है। वेबसाइट पर इसे सार्वजनिक किया गया है।

ACS चैतन्य प्रसाद से ज्यादा संपत्ति उनकी पत्नी के पास
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) चैतन्य प्रसाद से ज्यादा चल एवं अचल संपत्ति उनकी पत्नी अपराजिता प्रसाद के पास है। वे एक कपड़ों की कंपनी त्रिशवारा टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक और पार्टनर भी हैं। उनके पास एक किलो 250 ग्राम सोना और करीब तीन किलो चांदी है। चैतन्य प्रसाद के पास 250 ग्राम सोना रत्न के साथ और आधा किलो चांदी है। दोनों के पास 50-50 हजार रुपये कैश हैं। जबकि एसीएस के पास चार बैंक खातों में करीब 6 लाख रुपये जमा हैं।

ACS के पास 2007 मॉडल की गाड़ी                                                                                       पत्नी के गुड़गांव, नई दिल्ली और रांची में मौजूद सात बैंक खातों में करीब साढ़े 9 लाख रुपये जमा हैं। इसमें दो खातों में उनके बेटे के साथ संयुक्त एकाउंट है। चैतन्य प्रसाद के पास करीब 32 लाख रुपये के म्यूचुअल फंड हैं। पत्नी के पास करीब 9 लाख रुपये के म्युचुअल फंड हैं। जीपीएफ में 22 लाख और एनपीएस में 1.82 लाख रुपये जमा हैं। पत्नी के पीपीएफ खाते में 5.42 लाख रुपए हैं। चैतन्य प्रसाद 2007 मॉडल की जेन एस्टिलो की सवारी करते हैं। पत्नी के नाम से कोई कार नहीं है। सीवान के पंडापल्ली के जलजोरी गांव में पैतृक घर और जमीन है। पत्नी के नाम से रांची में जमीन है। औरंगाबाद जिले के सिरिस, गोराहा, टेरी, पोखराही, टेंगारी, गोपालपुर, रत्नापुरा, पोखराही में मिली पैतृक जमीन है। रांची में एक पुश्तैनी मकान भी है।

पंकज पाल के पास हीरे की अंगूठी और पिस्टल
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल के पास 35 हजार नकदी जबकि इनकी चिकित्सक पत्नी के पास 70 हजार नकद हैं। बैंक में 12.5 लाख रुपए जमा हैं। 135 ग्राम सोना है, जिसकी कीमत 6 लाख है। 60 हजार की एक हीरे की अंगूठी है। एक पिस्टल भी रखे हुए हैं। संयुक्त परिवार में झांसी में 13 एकड़ की जमीन है। नोएडा में एक अपार्टमेंट में फ्लैट है जिसकी मौजूदा कीमत 1.25 करोड़ रुपए है।

डीएम से धनी कई एसडीएम
पटना के डीएम से ज्यादा धनी यहां के एडीएम हैं। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह से न सिर्फ जमा पूंजी में कई एडीएम आगे हैं बल्कि वे गाड़ियों के भी शौकीन हैं। पटना के डीएम और पूर्व एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के पास कोई चारपहिया वाहन भी नहीं है, जबकि एडीएम साहब के पास कार और एक्सयूवी भी मौजूद हैं। डीएम के पास नगद 25 हजार रुपए है जबकि बैंकों में उनका 11. 60 लाख रुपया जमा है। उनके पास शादी के दौरान उपहार में मिले 80 ग्राम सोने के आभूषण हैं, जिसकी कीमत चार लाख रुपए बताई गई है। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में तीन एकड़ पैतृक कृषि योग्य भूमि है। डॉ. चंद्रशेखर सिंह के पास कोई निजी वाहन नहीं है।

एडीएम और डीटीओ के पास हैं गाड़ियां
पटना के अपर समाहर्ता राजस्व रमन कुमार श्रीवास्तव डीएम से धनी हैं। नगद के तौर पर तो उनके पास भले ही पांच हजार रुपये हैं, लेकिन बैंक में 15 लाख जमा हैं। एक मारुति कार और 25 ग्राम सोना के अलावा फुलवारीशरीफ में 15 लाख और दानापुर में एक करोड़ रुपये से अधिक के दो अलग-अलग प्लॉट भी हैं। वहीं एडीएम आपूर्ति ब्रजेश कुमार के पास सात हजार रुपये नगद और 21 लाख रुपये बैंक में जमा हैं। महिंद्रा कंपनी की एक एक्सयूवी-300 गाड़ी भी है। पटना के जिला परिवहन पदाधिकारी श्रीप्रकाश के पास 25 हजार रुपये नगद तो दो लाख बैंक में जमा हैं। उन्होंने अलग-अलग बैंक और बीमा कंपनियों में 20 लाख रुपये से अधिक का निवेश कर रखा है। उनके पास एक मारुति कार, 73 हजार रुपये के सोने और 55 हजार के हीरे के आभूषण हैं।

पूर्व एसएसपी का मोहाली में फ्लैट
पटना के पूर्व एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के पास नगद 73 हजार रुपये तथा बैंक में 23 लाख रुपये जमा हैं। पंजाब के मोहाली के एक अपार्टमेंट में थ्री बीएचके का एक फ्लैट है। उनके पास एक लाख के सोने के आभूषण हैं। उनपर 30 लाख रुपये का ऋण भी है।

केके पाठक के पास 15 हजार कैश
उत्पाद, मद्द निषेध एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने पास 15 हजार कैश रखते हैं। जबकि उनके पास कई बैंकों समेत अन्य वित्तीय संस्थानों में 1.17 करोड़ के म्यूचुअल फंड हैं। उन्होंने 5 लाख रुपये की एलआईसी पॉलिसी ले रखी है। पीपीएफ में 56.61 लाख रुपये, जीपीएफ में 1.43 करोड़ और एनपीएस में 3.62 लाख रुपये जमा हैं।

मिहिर कुमार सिंह से अमीर हैं उनकी पत्नी
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह के पास डेढ़ लाख रुपये नगद है। वहीं, इनकी पत्नी के पास पौने दो लाख रुपये नगद है। मिहिर के पास एक रिवॉल्वर भी है। इनके बैंक खाते में साढ़े दस लाख रुपये और उनकी पत्नी के बैंक खाते में 23 लाख रुपये जमा है। पत्नी के पास नौ लाख रुपये का शेयर और बॉन्ड है। मिहिर के जीपीएफ में 39 लाख रुपये, पीपीएफ में पौने 26 लाख हैं, वहीं पत्नी के पास पीपीएफ में 27 लाख जमा है। रोहतास जिले के अकोढीगोला मीरगंज में 4.23 बीघा कृषियोग्य जमीन है। दानापुर और नोएडा स्थित अपार्टमेंट में फ्लैट है। इनके नाम कोई गाड़ी नहीं है।

अरविंद चौधरी के पास खेती की जमीन
श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी के पास 24 हजार नकद है। सवा तीन लाख बैंक में,साढ़े तीन लाख का बॉन्ड है। खुद के पास 62 ग्राम तो पत्नी के पास 412 ग्राम सोना है। पैतृक संपत्ति में 12 एकड़ कृषि योग्य भूमि है जो संयुक्त परिवार में है। दरभंगा में13 कठ्ठा गैर कृषि योग्य जमीन है।

राज्य सरकार के अधीन कार्यरत समूह ‘घ’ के कर्मचारियों को छोड़कर बाकी सभी अधिकारियों और कर्मियों को प्रत्येक वर्ष अपनी चल-अचल संपत्ति और दायित्वों का ब्योरा देना होता है। संपत्ति के इस ब्यौरो को हर वर्ष 31 मार्च को सार्वजनिक किया जाता है।

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