बेतिया: मंगुराहा वन क्षेत्र से भटका बाघ गांवों में कर रहा चहलकदमी, दहशत में ग्रामीण
वाल्मिकी व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा वन क्षेत्र से भटके बाघ ने तीन दिनों से आधे दर्जन से अधिक गांवों में दहशत की स्थिति पैदा कर दिया है। मंगुराहा वन क्षेत्र से निकलकर बाघ गौनाहा व मनीटोला गांव के...
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वाल्मिकी व्याघ्र परियोजना के मंगुराहा वन क्षेत्र से भटके बाघ ने तीन दिनों से आधे दर्जन से अधिक गांवों में दहशत की स्थिति पैदा कर दिया है। मंगुराहा वन क्षेत्र से निकलकर बाघ गौनाहा व मनीटोला गांव के सरेह में पहुंचकर भटक रहा है। वनरक्षी शिखा कुमारी व रूपेश कुमार बताते हैं कि बाघ के पगमार्क से पता चलता है कि वह पंडई नदी पार कर पंडई पुल के पूरब-दक्षिण दिशा में लगे गन्ने के खेत में एक दिन से डेरा जमाए रखा था। सोमवार को पंडई नदी के पूरब दक्षिण दिशा में लगे गन्ने में बाघ के पगमार्क का अवलोकन करते हुए वनरक्षी सिखा कुमारी व रूपेश कुमार तथा टाइगर-टेकर दारा महतो, कुंदन कुमार, रामाधार कुमार, बागड़ गुरु, विजय उरांव, बिहारी महतो, बृजमोहन कुमार आदि बताते हैं कि एक दिन बाघ गौनाहा मनी टोला सरेह में रहने के बाद दूसरे दिन दक्षिण पूरब सरेह में गन्ने के खेत में तथा खरहुल में रहा। उसके पगमार्क से प्रतीत होता है कि रविवार की रात्रि में अब वह डुमरिया प्रखंडा सरेह में चला गया है।
बाघ के मूवमेंट पर प्रतिदिन रखी जा रही है नजर
बाघ जंगल की तरफ मुड़ने के बजाय पूरब की तरफ मुड़ गया है। जिससे घेघवलिया,बेतहनीया,सहोदरा जमुनिया के लोग बाघ के डर से दहशत में है। इधर रेंजर सुनील कुमार पाठक का कहना है कि प्रतिदिन बाघ के पगमार्क का निरीक्षण किया जा रहा है। तीन दिनों से बाघ को मनी टोला, गौनाहा, प्रसंडा और डुमरिया सरेह में रहने की सूचना मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाघ को जंगल के तरफ मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। वैसे तो बाघ पर नजर रखी जा रही है। ताकि बाघ किसी घटना को अंजाम नहीं दे सके। विदित हो कि एक सप्ताह पूर्व इसी बाघ को मंगुराहा सरेह में स्टेशन के समीप गन्ने के खेत में देखा गया था। जिसे देखकर गन्ने को बांध रहे मजदूर भाग खड़े हुए थे।