भागलपुर से दुमका तक बहुत जल्द बिजली पर दौड़ेंगी ट्रेनें, हसडीहा तक तार खींचने का काम पूरा
भागलपुर-दुमका रेलखंड पर बहुत जल्द बिजली से ट्रेन दौड़ने लगेगी। इस रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम तेजी से हो रहा है। पोल लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब तार खींचना भी शुरू हो गया है। भागलपुर से...
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भागलपुर-दुमका रेलखंड पर बहुत जल्द बिजली से ट्रेन दौड़ने लगेगी। इस रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम तेजी से हो रहा है। पोल लगाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब तार खींचना भी शुरू हो गया है। भागलपुर से बाराहाट के बीच पहले से विद्युतीकरण हो चुका है और इसपर ट्रेनें चल रही हैं। दुमका से हसडीहा के बीच तार खींचने का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब बाराहाट से हसडीहा के बीच काम होना शेष रह गया है।
भागलपुर दुमका रेलखंड पर दुमका की तरफ से भी काम चल रहा है। लक्ष्य रखा गया है कि 2021 में भागलपुर-दुमका रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाएगा। विद्युतीकरण के लिए 302 करोड़ का बजट स्वीकृत है। 2016 के बजट में यह राशि स्वीकृत की गई है। दुमका तक विद्युतीकरण पूरा होने के बाद भागलपुर से हावड़ा जाने वाली दोनों रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन दौड़ने लगेगी। साथ ही भागलपुर से जुड़ा हर रेल सेक्शन विद्युतीकृत हो जाएगा। भागलपुर से चार सेक्शन में ट्रेनें चलती है। एक भागलपुर साहिबगंज, दूसरा भागलपुर-दुमका, तीसरा भागलपुर-देवघर और चौथा भागलपुर -किउल।
दो सेक्शन में पिछले साल ही विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ है। सबसे पहले भागलपुर-किउल रेलखंड पर विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ। इसके बाद भागलपुर-साहिबगंज सेक्शन का काम हुआ। अब भागलपुर-दुमका और बांका-देवद्यर सेक्शन पर काम होना शेष रह गया है। इसके लिए भी तेजी से काम हो रहा है। भागलपुर-देवघर रेलखंड पर मालदा डिविजन से बांका तक ही काम कराया गया है। बांका से देवघर के बीच आसनसोल डिविजन काम कराया जा रहा है। रेलवे आरई विभाग के इंजीनियर की मानें तो लक्ष्य है कि सितंबर तक दुमका तक विद्युतीकरण का काम पूरा करा लिया जाय। इसके लिए तेजी से काम कराया जा रहा है। लॉकडाउन के दौरान भी काफी काम कराया गया है। अब शेष बचे दो महीने में बाराहाट से हसडीहा तक काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद सीआरएस निरीक्षण कराया जाएगा।
मालगाड़ियों में इंजन बदलने की जरूरत नहीं होगी
भागलपुर- दुमका रेलखंड पर मालगाड़ियों का परिचालन ज्यादा होता है। विद्युतीकरण होने के बाद रेलवे को राजस्व का भी फायदा होगा। ट्रेनें इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगेगी। इससे ईंधन का बचत हो जाएगा। अभी दुमका आने के बाद ट्रेन को इलेक्ट्रिक इंजन से डीजल इंजन में बदलना पड़ता है। उसी तरह भागलपुर की ओर से जाने वाली मालगाड़ियों में भागलपुर में इंजन बदलना पड़ता है। इससे समय की भी बर्बादी होती है।
विद्युतीकरण के बाद ईएमयू ट्रेनें चलने की संभावना
भागलपुर से दुमका तक विद्युतीकरण हो जाने के बाद इस रेलखंड पर ईएमयू ट्रेनें चलायी जा सकती है। अभी डेमू पैसेंजर का परिचालन कराया जा रहा है। ईएमयू ट्रेन के चलने से स्पीड भी अधिक होगी और कम समय में यात्रा पूरी होगी। डीआरएम मालदा रेल मंडल यतेन्द्र कुमार के अनुसार दुमका रेलखंड पर विद्युतीकरण की समीक्षा की गई है। काम काफी तेजी से कराया जा रहा है। योजना है कि नवंबर तक इस रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलायी जाए। इसके पहले सीआरएस निरीक्षण कराया जाएगा। सीआरएस से अनुमति मिलने के बाद ही ट्रेन चलायी जाएगी।