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यह देश, आरक्षण और संविधान बचाने का चुनाव : तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनावी सभाओं का अर्धशतक पूरा कर लिया है। उनके पिता लालू प्रसाद जेल में हैं। इस नाते तेजस्वी पर न सिर्फ राजद, बल्कि महागठबंधन की भी सियासी...

यह देश, आरक्षण और संविधान बचाने का चुनाव : तेजस्वी यादव
हिन्दुस्तान,पटना Tue, 16 Apr 2019 09:07 AM
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बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनावी सभाओं का अर्धशतक पूरा कर लिया है। उनके पिता लालू प्रसाद जेल में हैं। इस नाते तेजस्वी पर न सिर्फ राजद, बल्कि महागठबंधन की भी सियासी नाव पार निकालने की जिम्मेदारी है। बिहार में महागठबंधन की रणनीति पर तेजस्वी से ‘हिन्दुस्तान' के राजनीतिक संपादक भोलानाथ ने विस्तार से बात की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश... 

लालूजी पहली बार चुनाव में नहीं हैं। महागठबंधन की सफलता की बड़ी जिम्मेदारी आप पर है?

उनकी कमी खल रही है। लोगों में आक्रोश है कि अन्याय हो रहा है। मैं रांची गया था, उनसे मिलने, लेकिन एक पुत्र को उसके बीमार पिता से मिलने भी नहीं दिया गया। जहां तक जिम्मेदारी की बात है तो और भी वरिष्ठ नेता हैं। सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

महागठबंधन का साझा प्रचार नहीं दिख रहा है। घटक दलों के नेता अलग-अलग प्रचार कर रहे हैं?

यह रणनीतिक तौर पर हो रहा है। मकसद है, हम अधिक से अधिक इलाके कवर कर सकें। जहां तक वोट ट्रांसफर की बात है तो महागठबंधन के दलों- कांग्रेस, वीआईपी और हम (से.) के कार्यकर्ताओं में नीचे तक स्पष्ट संदेश है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। जब कैडर और वोटर मिल जाते हैं तो कोई फर्क नहीं रह जाता है।

इस बार के चुनाव में मुद्दे क्या हैं? स्थितियों का आकलन क्या है?

कई मुद्दे हैं। महंगाई बेतहाशा बढ़ी है। नोटबंदी के बावजूद आतंकवाद खत्म नहीं हुआ। केंद्रीय बलों के जवान शहीद होते हैं, लेकिन उनको शहीद का दर्जा नहीं मिलता। बिहार के साथ पक्षपात का मुद्दा है। सृजन घोटाले के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। स्थितियां महागठबंधन के अनुकूल हैं।

भ्रष्टाचार के आरोप आप पर भी हैं। कैसे मुकाबला करेंगे?

जनता मानती ही नहीं कि हमने कुछ किया है। यह महज एक्सक्यूज है। मुझ पर आरोप लगाए कि 13 साल के लड़के ने घोटाला कर लिया। बताएं कि वही लड़का जब 28 साल का हुआ तब तो खजाना लुट जाना चाहिए था। लेकिन वे लोग जवाब दें कि जब 18 माह हम उनके साथ सरकार में रहे, क्या गलत किया।

आपकी पार्टी ने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था, क्या कहेंगे?

यह जनरल कोटा का आरक्षण है। इसमें सवर्ण गरीबों को नहीं, अमीरों को आरक्षण दिया गया है। पांच एकड़ जमीन और आठ लाख रुपये सालाना कमाने वाला कोई गरीब होता है क्या? हम तो सवर्ण गरीबों के साथ हैं। हम तो कह रहे हैं कि जातीय गणना करा लो। जातियों में कितने गरीब हैं, पता कर लीजिए।

प्रशांत किशोर (पीके) कह रहे हैं कि लालू प्रसाद से हुईं बातें वे बता दें तो शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी। क्या यह सही बात है ?

पीके के पास क्या जानकारी है, यह तो वही जानें। यह सच है कि हमारे पास दूत बनकर आए थे। लालूजी पर लिखी किताब में सौ फीसदी बातें सच हैं। पीके ने कई बार हमारे नेता से मिलने की कोशिश की। हमने साफ मना कर दिया। हम फिर साथ जाते तो लोग क्या कहते? यह हमको खत्म करने की साजिश थी।

लोकसभा का चुनाव पीएम के लिए होता है। क्या राहुल आपके उम्मीदवार होंगे?

इस चुनाव से लोग प्रधानमंत्री नहीं चुनते। प्रधानमंत्री चुनते है सांसद, जो लोगों के बीच से चुनकर जाते हैं। अभी तो देश को बचाने का चुनाव है। संविधान को बचाने का चुनाव है। आरक्षण को बचाने का चुनाव है। अब जब हम यूपीए में हैं तो राहुल गांधी को ही न प्रधानमंत्री बनाएंगे।

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