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BMC में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए वोट मांगेंगे तेजस्वी, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- सपोर्ट करते हैं तो दिक्कत क्या है

आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव के बीच हुई मुलाकात को लेकर सांसद ने कहा कि दोनों युवा नेता हैं और यूथ का नेतृत्व करते हैं। दोनों युवा नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। बातचीत तो दोनों के बीच होती ही रहती थी।

BMC में उद्धव ठाकरे की शिवसेना के लिए वोट मांगेंगे तेजस्वी, प्रियंका चतुर्वेदी बोलीं- सपोर्ट करते हैं तो दिक्कत क्या है
Malay Ojhaहिन्दुस्तान,पटनाThu, 24 Nov 2022 06:27 PM

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शिवसेना (उद्धव) पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे का एक दिवसीय बिहार दौरा अब काफी सुर्खियां बटोर रहा है। बुधवार को पटना पहुंचे आदित्य ठाकरे ने पहले तो बिहार के डिप्टी  सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की। फिर उसके बाद तेजस्वी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने जा पहुंचे। अब तेजस्वी को आदित्य ठाकरे की पार्टी ने महाराष्ट्र आने का न्योता दिया है।

आदित्य ठाकरे की पार्टी शिवसेना (उद्धव गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को कहा है कि यदि तेजस्व यादव मुंबई आते हैं तो हम भी उनका ठीक उसी तरह से स्वागत करेंगे जैसा कि हमारा पटना में हुआ था। प्रियंका ने तेजस्वी को निमंत्रण देते हुए कहा कि हमारे साथ महाराष्ट्र का दौरा कीजिये। महाराष्ट्र और बिहार का संबंध सालों से रहा है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी का यदि महाराष्ट्र आगमन होता है और सपोर्ट रहा तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। 

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वहीं आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव के बीच हुई मुलाकात को लेकर सांसद ने कहा कि दोनों युवा नेता हैं और यूथ का नेतृत्व करते हैं। दोनों युवा नेताओं की यह पहली मुलाकात थी। बातचीत तो दोनों के बीच होती ही रहती थी। प्रियंका ने आगे बताया कि आदित्य और तेजस्वी के बीच संविधान और लोकतंत्र की लड़ाई कैसे लड़ी जाए, इसे लेकर बातचीत हुई। प्रियंका ने यह भी कहा कि इन दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात को बीएमसी चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। कोविड महामारी के कारण बहुत समय से इनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। 

वहीं दूसरी ओर राजनीतिक जानकार बताते हैं कि आदित्य ने नीतीश-तेजस्वी से मुलाकात ऐसे समय की है, जब शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है और बीएमसी चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में बीएमसी पर अपने सियासी वर्चस्व को बनाए रखने के लिए शिवसेना (उद्धव गुट) के लिए चुनौती खड़ी हो गई है। बीएमसी में उत्तर भारतीय वोटों की सियासी ताकत को देखते हुए आदित्य ठाकरे मुंबई से पटना पहुंचे और उन्हें नीतीश और तेजस्वी से मिलकर राजनीतिक समीकरण को मजबूत करने की कवायद की है।

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गौरतलब है कि बीएमसी पर तीन दशक से शिवसेना (उद्धव गुट) का कब्जा है, लेकिन एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद शिवसेना दो धड़ों में बट चुकी है। ऐसे में उद्धव ठाकरे हरहाल में बीएमसी की सत्ता को बचाए रखना चाहते हैं, जबकि बीजेपी किसी भी सूरत में मुंबई पर राज करना चाहती है। ऐसे में आदित्य ठाकरे बीएमसी चुनाव से पहले सियासी समीकरण दुरुस्त करने में जुट गए हैं, जिसके लिए उनकी नजर उत्तर भारतीय वोटों पर है। बीएमसी के 227 वार्ड में 50 वार्ड में बिहार-यूपी के वोटर निर्णायक वोटर साबित होते हैं, जबकि 40 और वार्ड में भी इनकी संख्या मजबूत है।

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मुंबई में 40 लाख से भी ज्यादा आबादी उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों की है, जो बीएमसी चुनाव में किसी भी दल का खेल बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। अटकलों की मानें तो उत्तर भारतीय वोटों के सियासी आधार को देखते हुए आदित्य ठाकरे को मुंबई से नीतीश-तेजस्वी से मिलने पटना आना पड़ा। 

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