जोकीहाट में RJD की जीत: तेजस्वी बोले-अवसरवाद पर लालूवाद की जीत है- VIDEO
बिहार में जोकिहाट विधानसभा उपचुनाव आरजेडी प्रत्याशी शहनवाज अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और जेडीयू उम्मीदवार मोहम्मद मुर्शीद आलम को 41225 वोटों से हराया। आरजेडी उम्मीदवार शहनवाज को 81240 वोट जबकि जेडीयू...
बिहार में जोकिहाट विधानसभा उपचुनाव आरजेडी प्रत्याशी शहनवाज अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और जेडीयू उम्मीदवार मोहम्मद मुर्शीद आलम को 41225 वोटों से हराया। आरजेडी उम्मीदवार शहनवाज को 81240 वोट जबकि जेडीयू उम्मीदवार मुर्शिद आलम को 40015 वोट मिले। जीत के बाद आरजेडी विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह अवसरवाद पर लालूवाद की जीत है, लालू विचार नहीं बल्कि विज्ञान है।
जोकीहाट उपचुनाव:आरजेडी उम्मीदवार शहनवाज 41255 वोट से जीते, जेडीयू उम्मीदवार मुर्शिद आलम को हराया
उन्होंने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई दिनों तक चुनाव क्षेत्र में थे, इसके बाद भी हार गए। यह बहुत बड़ा झटका है। इस बार जनता ने जनादेश का अपमान करने वालों को सबक सीखा दिया है। जो लोग जहर फैलाते थे उनको सबक सिखाया गया है। हमने मोहब्बत और अमन चैन की बात की इसे जनता ने स्वीकार किया। जदयू के सारे दावे को यहां की जनता ने फेल कर दिया।
तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष की एकजुटता के लिए सभी पार्टियों का धन्यवाद। एकजुटता से बीजेपी को झटका लगा है। जहां भी उपचुनाव हुए हैं, वह हमारी परंपरागत सीट नहीं थी, इसके बाद भी हम जीत रहे हैं, ऐसे में जनता क्या सोच रही है यह सबके सामने हैं। तेजस्वी यादव ने कहा, जनता के प्रेम, समर्थन और विश्वास के आगे विनम्रतापूर्वक नतमस्तक हूं। ये जनता की जीत है। आप सबों को हार्दिक बधाई और धन्यवाद।
विधानसभा क्षेत्र में अब तक नौ बार तस्लीमुद्दीन परिवार का कब्जा
जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र का गठन 1969 में हुआ था। तब से अबतक यहां 14 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें नौ बार तस्लीमुद्दीन परिवार का कब्जा रहा है। पांच बार खुद मो. तस्लीमुद्दीन विधायक चुने गए हैं, जबकि चार बार उनके पुत्र सरफराज ने भी जीत दर्ज की है।
सरफराज के इस्तीफा के बाद खाली हुई सीट
इसी साल मार्च में जदयू विधायक सरफराज आलम के विधानसभा एवं पार्टी से इस्तीफा देकर राजद के टिकट पर अररिया से सांसद चुने जाने के बाद जोकीहाट विधानसभा सीट खाली हुई है। सरफराज के पिता मो. तस्लीमुद्दीन राजद के सांसद थे, जिनका निधन पिछले साल सितंबर में हो गया था। पिता के निधन के बाद खाली हुई सीट से सरफराज राजद के टिकट पर सांसद बने हैं।