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सुशांत केस : मुबंई पुलिस के रवैये से परेशान बिहार पुलिस, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी नजर

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर दर्ज प्राथमिकी की जांच में मुंबई पुलिस के रवैये ने बिहार पुलिस को परेशानी में डाल दिया है। चार सदस्यीय टीम को पहले से कई दिक्कतों का सामना...

सुशांत केस : मुबंई पुलिस के रवैये से परेशान बिहार पुलिस, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी नजर
हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाTue, 04 Aug 2020 07:49 AM
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बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर दर्ज प्राथमिकी की जांच में मुंबई पुलिस के रवैये ने बिहार पुलिस को परेशानी में डाल दिया है। चार सदस्यीय टीम को पहले से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। टीम को सहयोग देने के लिए भेजे गए आईपीएस अधिकारी को क्वारंटाइन करने के बाद यह और भी मुश्किल हो गया। ऐसे में बिहार पुलिस की नजर 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी है।

सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती द्वारा राजीव नगर थाना में दर्ज केस को मुंबई ट्रांसफर करने की की याचिका दायर की गई है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बिहार पुलिस इस मामले में अगला कदम उठाएगी। शीर्ष न्यायालय की वेबसाइट पर मौजूद सूची के मुताबिक चक्रवर्ती की मामले को स्थानांतरित करने वाली याचिका पर सुनवाई बुधवार को न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ के समक्ष होगी।

आपको बता दें कि सुशांत की आत्महत्या प्रकरण की जांच करने मुंबई गए पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को वहां पर रविवार की देर रात जबरन क्वारंचाइन किए जाने से बिहार और महाराष्ट्र के बीच विवाद बढ़ गया है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस घटना पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सिटी एसपी को क्वारंटाइन करना ठीक नहीं है। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से डीजीपी ने पूरी सूचना दी है। बिहार के डीजीपी खुद भी वहां के डीजीपी से बात करेंगे।

वहीं, डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने सोमवार को हाईलेवल मीटिंग की। इसमें पुलिस मुख्यालय के तमाम वरीय पदाधिकारियों के अलावा पटना के रेंज आईजी और एसएसपी भी मौजूद थे। बैठक के बाद डीजीपी ने कहा कि पटना सिटी एसपी के साथ जो भी हुआ वह गलत है। क्वारंटाइन के नियमों को हमलोगों ने देखा है। बीएमसी के अधिकारियों ने गाइडलाइन के तहत काम नहीं किया। हमारे पदाधिकारी को क्वारंटाइन से मुक्त रखा जा सकता था, पर ऐसा नहीं हुआ। बिहार पुलिस ने तय किया है कि विरोध के तौर पर बीएमसी के कमिश्नर को पत्र लिखा जाएगा। आईजी संजय कुमार को यह जिम्मेदारी दी गई है।

बिहार की एसआईटी ने 50 पेज के रिकॉर्ड में जमा किए ठोस सबूत
सुशांत मामले की जांच करने बिहार की एसआईटी महज 6 पन्नों की एफआईआर के कागज ही लेकर मुंबई गई थी, लेकिन जांच की यह फाइल मोटी हो गई है। जांच के दौरान लोगों के दर्ज किए गए बयान सुशांत के तीनों बैंकों के अकाउंट, चार्टर्ड अकाउंटेंट के लेजर बैलेंस की कॉपी व यूपीआइ पेमेंट का स्टेटमेंट के कुल 50 पन्नों का रिकार्ड तैयार हो चुका है, जिसमें कई ठोस सबूत इकट्ठा हैं। सूत्र बताते हैं 13 पन्नों में सुशांत और उनकी अंकिता लोखंडे के बीच वाट्सऐप पर हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट है। छह लोगों के रिकॉर्ड बयान और एक प्रमुख गवाह से टेलीफोन पर हुई बातचीत को भी कागज पर लिखा गया है।

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