कभी फर्जी एसडीओ, कभी डीएसपी...साथ में बॉडीगार्ड, फिर शातिर ठगों की ऐसे खुली पोल
मुजफ्फरपुर पुलिस ने दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। जो कभी फर्जी एसडीओ, कभी फर्जी डीएसपी बनकर लोगों से ठगी को अंजाम देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक कार और दो मोबाइल बरामद किए हैं।
फर्जी एसडीओ, डीटीओ और डीएसपी बनकर कई जिलों में जरूरतमंदों को काम करवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले दो शातिरों को पुलिस ने अहियापुर के बाड़ा जगन्नाथ से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार सोनू कुमार वैशाली के बेलसर थाना के पटेढ़ी खुर्द और रूपेश कुमार सहरसा के नवहट्टा थाना के शाहडीह का निवासी है।
इनके खिलाफ पूर्णिया सदर थाना, मुजफ्फरपुर नगर थाना और मोतीपुर थाने में केस दर्ज है। रविवार देर शाम धरे गए दोनों शातिरों को पुलिस ने को सोमवार को अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। शातिरों के पास से एक कार और दो मोबाइल जब्त किया गया है।
एएसपी नगर भानू प्रताप सिंह ने बताया कि गिरफ्तार दोनों शातिर कभी एसडीओ, डीटीओ तो कभी पुलिस अफसर बनकर लोगों को ठगते थे। इनके खिलाफ कई जिलों में ठगी और चोरी की धारा में केस दर्ज हैं। बीते साल 30 अगस्त को नगर थाने में सकरा थाना के सुजावलपुर निवासी श्याम कुमार ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
श्याम कुमार की पिकअप वैन दरभंगा के बिरौल थाने में शराब मामले में जब्त की गई थी। इस गाड़ी को मुक्त कराने के लिए डीटीओ कार्यालय के पास श्याम को आरोपित सोनू मिला। उसने बताया था कि उसका बहनोई रूपेश कुमार दरभंगा में डीएसपी है। वह उनको बोलकर गाड़ी मुक्त करवा देगा।
इसके बाद, सोनू ने उसकी रूपेश से मुलाकात कराई। अहियापुर में मिलने के समय रूपेश के साथ दो युवक पुलिस की वर्दी में थे। दोनों को खुद का उसका बॉडीगार्ड बताया। मुजफ्फरपुर डीटीओ ऑफिस से पिकअप वैन के कागजात बनवाकर उसे बिरौल थाना से मुक्त कराने के लिए दो लाख में सौदा तय हुआ। इसमें एक लाख रुपए देने पर भी काम नहीं हुआ तो श्याम ने बीते साल नगर थाने में एफआईआर कराई। इसी केस में श्याम की निशानदेही पर आईओ दारोगा विक्की कुमार ने अहियापुर से दोनों शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। एएसपी नगर ने बताया कि दोनों के खिलाफ पूर्णिया सदर थाने में केस दर्ज हैं। अन्य जिलों में इनके संबंध में अपराध का रिकॉर्ड मंगाया जा रहा है।
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