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चुनावी साल में कोरोना लॉकडाउन, अब सोशल मीडिया के जरिए बिहार में हो रही है सियासत

कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के बावजूद बिहार में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दलों के नेता भले ही सोशल डिस्टेंसिंग का...

चुनावी साल में कोरोना लॉकडाउन, अब सोशल मीडिया के जरिए बिहार में हो रही है सियासत
एजेंसी,पटना Sun, 05 Apr 2020 04:53 PM
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कोरोना वायरस संक्रमण से उबरने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के बावजूद बिहार में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन दलों के नेता भले ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के कारण लोगों से दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन इन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे पर निशाना साधना जारी रखा है। 

हालांकि यह तय है कि बिहार में इस साल के अंत में होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारी रूक सी गई है। ये नेता अब ना तो अपनी 'सियासी यात्रा' को फिर से शुरू कर पा रहे हैं और न ही लोगों से मिल ही पा रहे हैं। ऐसे में जनता के बीच खुद को सबसे बड़ा शुभचिंतक बनाए रखने का एकमात्र साधन सोशल मीडिया ही है। यही कारण है कि कोई भी दल इस लॉकडाउन में फेसबुक और ट्विटर पर पिछड़ना नहीं चाह रहा है।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा लगातार फेसबुक और ट्विटर के मध्यम से बिहार और बिहार के बाहर रह रहे लोगों से संवाद कर रहे हैं और मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। संजय झा कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हर मीटिंग में शामिल होते हैं। साथ ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लोगों तक नीतीश सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को पहुंचा रहे हैं। उन्होंने फेसबुक लाइव कर बिहार के लोगों को जरूरी संदेश भी दिया। 

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके भाई पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ट्विटर पर इन दिनों काफी सक्रिय हैं। तेजस्वी जहां ट्वीट कर केंद्र और राज्य सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं वहीं कई मामलों में सरकार के साथ भी खड़े भी नजर आ रहे हैं। 

तेजस्वी सुबह से ट्विटर पर सक्रिय हो जाते हैं। इधर, तेजप्रताप भी अपने अंदाज पर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद भले ही चारा घोटाले के कई मामले में सजा काट रहे हैं, लेकिन उनके ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट के माध्यम से सरकार को उसकी कमियां गिनाई जा रही हैं।  

इधर, भाजपा के नेता भी डिजिटली अपना काम कर रहे हैं। सत्ता में होने के कारण पार्टी के कार्यकतार् कोरोना में फंसे लोगों को राहत पहुंचा रहे हैं। खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल एक-दो दिन बीच लगा कर ऑडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यकर्ताओं को आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। 

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दे रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ट्विटर व फेसबुक पर सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं की जानकारी साझा कर रहे हैं। पार्टी के सभी नेता लोगों के लिए किए जा रहे सहायता सेवा को सोशल मीडिया पर अपडेट कर रहे हैं।

इस बीच सुशील मोदी विपक्षी दलों के सियासी हमलों का जवाब देने से भी नहीं चुकते हैं। मोदी पूरे दिन में दो से तीन ट्वीट जरूर कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस भी अब डिजिटल माध्यमों पर जोर दे रही है। वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बिहार के राज्यस्तर से लेकर जिला स्तर के कांग्रेसी सीधे नई दिल्ली के कांग्रेस दफ्तर से जुड़े हैं। 

कोरोना के संक्रमण से बचाव का एकमात्र साधन सोशल डिस्टेंसिंग बताया जा रहा है। इस स्थिति में राजनीतिक दलों के नेताओं के सामने जनता तक पहुंचने के साधन भी सिमट गए हैं। 

आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते भी हैं कि आज के इस दौर पर फेसबुक और ट्विटर पर अधिकांश लोग सक्रिय है। आरजेडी के नेता भी इन दिनों इसी माध्यम से कार्यकर्ता को संदेश दे रहे हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। 

इधर, जनता दल (युनाइटेड) के प्रमुख नीतीश कुमार भले ही ट्विटर पर ज्यादा सक्रिय न हो, लेकिन उनकी पार्टी के नेता और प्रवक्ता जरूर सक्रिय हैं।  लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और सांसद चिराग पासवान भी इन दिनों ट्विटर से ही अपनी बात लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

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