एशिया प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र के सोनपुर मेले के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि...
एशिया प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र के सोनपुर मेले के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ कि मेले के दौरान 1500 दुकानें बंद रहीं। ऐसा पहली बार हुआ कि मेले में वीरानी छायी रही। मेले में आए लोगों के चेहरे पर...
एशिया प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र के सोनपुर मेले के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ कि मेले के दौरान 1500 दुकानें बंद रहीं। ऐसा पहली बार हुआ कि मेले में वीरानी छायी रही। मेले में आए लोगों के चेहरे पर उल्लास, उत्साह नहीं बल्कि मायूसी थी। वो यह सोचकर हैरान थे कि आखिर दुनिया के इस प्रसिद्ध मेले को क्या हो गया।
दरअसल मेले में आयोजनों को एक-एक कर बंद कर दिए जाने और प्रशासन की मनमानी व तुगलकी फरमान के विरोध में गुरुवार को देश के विभिन्न राज्यों से आये सैकड़ों व्यवसायी नाराज थे। उन्होंने तय किया कि वे दुकानें बंद रखेंगे। इसी रणनीति के तहत उन्होंने दुकानों के शटर नहीं उठाए।
सोनपुर गांव के चिड़िया मठ में बुधवार शाम ग्रामीणों और देश के विभिन्न राज्यों से आये सैकड़ों व्यापारियों की हुई बैठक में मांगें पूरी होने तथा व्यवस्था दुरुस्त किए जाने तक अपनी दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया था। दूसरी ओर लगभग छह सौ से अधिक व्यापारियों और ग्रामीणों के हस्ताक्षर से प्रदेश के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सारण प्रमंडल के आयुक्त और डीएम को ईमेल एवं स्पीड पोस्ट से ज्ञापन भेजा गया है। ज्ञापन में प्रशासन द्वारा की जा रही ज्यादती, प्रशासनिक अव्यवस्था, मेले में लगाये गए खेल- तमाशे, झूला, थियेटर, सर्कस, चिड़िया बाजार आदि के लिए लाइसेंस नहीं दिए जाने का आरोप लगाया गया है।
मेले के नखास के अलावा गाय बाजार रोड, नखास से ड्रोलिया चौक, हरिहरनाथ मार्ग आदि की सभी दुकानें बंद रहीं। चिड़िया बाजार मार्ग की भी सभी दुकानें बंद थीं। यहां तक कि हरिहरनाथ मंदिर के पास पूजन सामग्रियों और प्रसाद की भी दुकानें बंद रखी गयीं। पर्यटन विभाग का सांस्कृतिक मंच समेत कुछ सरकारी प्रदर्शिनयां पुलिस की पहरेदारी में खुली थीं।
हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले में दिनभर दुकानों के बंद रहने के बाद आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा और थियेटरों को लाइसेंस जारी किया गया।
सोनपुर मेला ग्राउंड में स्थित डीएम कैंप में गुरुवार की शाम प्रशासनिक पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता सारण जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने की। बैठक में थियेटरों को गुरुवार शाम से ही लाइसेंस निर्गत करने का आदेश जिलाधिकारी ने जारी किया। इसके साथ ही थियेटर संचालकों को यह निर्देश दिया कि थियेटर के सामने किसी भी तरह का पोस्टर नहीं लगाया जाएगा। नियम का अनुपालन करते हुए साउंड सिस्टम बाहर लगाना होगा। वह भी रात के 10 बजे के बाद बंद करना होगा। थियेटर के दौरान अश्लील प्रदर्शन करने वाले थियेटरों का लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गई।