पारस-चिराग की लड़ाई में LJP का 'बंगला' EC ने किया फ्रीज, नए नाम और निशान पर लड़ना होगा चुनाव
रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पर कब्जे की लड़ाई में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने एलजेपी के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है।...
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रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) पर कब्जे की लड़ाई में केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने एलजेपी के चुनाव चिह्न बंगला को फ्रीज कर दिया है। यह चुनाव चिह्न फिलहाल पशुपति पारस या चिराग पासवान किसी गुट को नहीं मिलेगा। दोनों ओर से इसके लिए दावे किये गए थे।
चुनाव आयोग का कहना है कि पशुपति पारस या चिराग दोनों गुटों में से किसी को भी लोजपा के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों गुट अंतरिम उपाय के रूप में नए नाम और चुनाव चिह्न अपने उम्मीदवारों को आवंटित कर सकते हैं। आयोग ने दोनों गुटों को को पांच नवंबर तक अपने दावों के समर्थन में दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है।
Election Commission of India (ECI) freezes Lok Janshakti Party's symbol amid tussle between factions of Chirag Pawan and Pashupati Kumar Paras pic.twitter.com/YmWQb5tyMe
— ANI (@ANI) October 2, 2021
पशुपति पारस ने लोकसभा में खुद को संसदीय दल का नेता घोषित कराने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर अपने आपको अध्यक्ष भी घोषित किया हुआ है। बावजूद इसके चुनाव आयोग से एलजेपी का नाम और चुनाव चिह्न नहीं मिलना उनके लिए बड़ा झटका है। चुनाव आयोग में सबसे पहले पारस की तरफ से ही नाम पर चिह्न पर दावा किया गया था। पशुपति पारस गुट की तरफ से किए गए तमाम फैसलों की जानकारी चुनाव आयोग को दी गई थी।
ECI says "neither of the two groups of Paswan or Chirag will be permitted to use the symbol LJP"; asks both groups to chose, as an interim measure, the names of their groups & the "symbols which may be allotted to the candidates set up, if any, by the respective groups"
— ANI (@ANI) October 2, 2021
पारस से पहले चिराग पहुंचे थे चुनाव आयोग
एलजेपी में विवाद के बाद पारस से पहले चिराग पासवान चुनाव आयोग पहुंचे थे। उन्होंने आयोग से कहा था कि अगर किसी की तरफ से एलजेपी पर दावा किया जाता है तो उसे प्रथम दृष्टया खारिज किया जाए। अगर कोई फैसला भी करना है तो पहले चिराग पासवान का पक्ष सुना जाए।
इस तरह एलजेपी में बने दो गुट
एलजेपी के 6 सांसदों में से 5 ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर लोकसभा में संसदीय दल के नेता के तौर पर पशुपति कुमार पारस के चयन का दावा कर दिया था। इसे स्पीकर की भी मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा पारस गुट ने नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन करके खुद को पार्टी का अध्यक्ष भी बनवा लिया। वहीं, चिराग पासवान ने भी एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बुलाकर पारस गुट के फैसलों को पार्टी विरोधी गतिविधि बताकर खारिज कर दिया था।