Hindi Newsबिहार न्यूज़Seventh phase teachers will soon be reinstated in Bihar new rules sent to the administration for approval

बिहार में सातवें चरण की शिक्षकों की जल्द होगी बहाली, मंजूरी के लिए नयी नियमावली प्रशासन को भेजी गई

बिहार में शिक्षक नियुक्ति की तैयारियां अपने अंतिम दौर में है। इसी कड़ी में शिक्षक नियुक्ति की नयी नियमावली को मंजूरी के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। शिक्षक नियुक्ति आयोग के जरिए होगी।

बिहार में सातवें चरण की शिक्षकों की जल्द होगी बहाली, मंजूरी के लिए नयी नियमावली प्रशासन को भेजी गई
Sandeep हिन्दुस्तान, पटनाTue, 7 Feb 2023 03:35 PM
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बिहार में शिक्षक नियुक्ति की तैयारियां अपने अंतिम दौर में है। इसी कड़ी में शिक्षक नियुक्ति की नयी नियमावली को मंजूरी के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। सातवें चरण की शिक्षक नियुक्ति आयोग के माध्यम से होगी। दरसल राज्य सरकार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। 7वें चरण के तहत तकरीबन सवा दो लाख शिक्षक बहाल होने हैं। इनमें 80 हजार प्रारंभिक जबकि शेष शिक्षक माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त होंगे। जिसकी जानकारी खुद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने ट्वीट कर दी थी। 

अब शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों और नगर निकायों से वापस लिया जाएगा। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि प्रस्तावित नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। अब अभ्यर्थियों को केवल एक आवेदन करना होगा। इसी में वे स्कूलों में पदस्थापन का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था। शिक्षक संगठनों तथा अभ्यर्थियों ने सरकार तथा शिक्षा मंत्री से इस संबंध में गुहार लगाई थी। शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में कई महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई जा रही है। इसी के आधार पर सातवें चरण में शिक्षकों की भर्ती होगी।

मेधा सूची कैसे बनेगी?
पुरानी नियुक्ति नियमावली में मेधा अंक की गणना नियोजन इकाई द्वारा मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षण में प्राप्त अंकों के प्रतिशत एवं पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के वेटेज के आधार पर होती थी। नई नियमावली में भी लगभग वही व्यवस्था बनी रहेगी और मेधा अंक के आधार पर आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा।

क्या होगा फायदा?
पहले नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा नियोजन इकाई द्वारा की जाती थी, परंतु नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा प्रस्तावित आयोग द्वारा किया जाएगा। अलवत्ता चयनित अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण जिला प्रशासन करेगा। केंद्रीयकृत और ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की जा रही है। आवेदकों को केवल एक आवेदन देना होगा। जबकि उनकी उम्मीदवारी उनके दिए गए विकल्पों के अनुसार सभी जगह होगी। इससे आवेदकों के धन एवं श्रम की बचत भी होगी।

चार के बदले एक नियोजन नियमावली
वर्तमान में चार नियमावलियों के तहत शिक्षकों के नियोजन में चार प्रकार के प्रावधान थे। इसमें जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली तथा बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली थी। नयी नियमावली में केवल एक प्रावधान होगा, जो सभी प्रकार के शिक्षकों पर लागू होगा। यानी, प्रारंभिक शिक्षकों से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षकों, पुस्तकालयध्यक्षों, प्रयोगशाला सहायकों, अनुदेशकों की नियुक्ति के लिए एक ही नियमावली होगी।

विशेष शिक्षक व सहायकों की भी नियुक्ति
पहले की नियमावली में विशेष शिक्षक तथा प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं था। नयी नियमावली में इसका प्रावधान प्रस्तावित है। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के स्तर पर गठित अलग-अलग नियुक्ति प्राधिकार व अनुशासनिक प्राधिकार का गठन किया गया था। नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में जिला स्तर पर एक ही स्थानीय निकाय नियुक्ति प्राधिकार व अनुशासनिक प्राधिकार का गठन होगा।

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