बिहार: मॉब लिंचिंग पर विधानसभा में हंगामा, वेल में उतरे विपक्षी विधायक
छपरा समेत कई जगहों पर भीड़ हिंसा को लेकर विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा के बाहर व अंदर जमकर हंगामा व नारेबाजी की। विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्य सरकार से मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सख्त कार्रवाई...
छपरा समेत कई जगहों पर भीड़ हिंसा को लेकर विपक्ष ने सोमवार को विधानसभा के बाहर व अंदर जमकर हंगामा व नारेबाजी की। विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्य सरकार से मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। विपक्ष के हंगामे के कारण विधानसभा की पहली पाली समयपूर्व स्थगित करनी पड़ी। शून्यकाल व ध्यानाकर्षण हंगामे की भेंट चढ़ गया।
सोमवार की कार्यवाही शुरू होते ही माले के सत्यदेव राम ने मॉब लिंचिंग का मामला उठाना चाहा। सभाध्यक्ष ने इजाजत नहीं दी। राजद विधायक ललित यादव ने कहा कि यह गंभीर मामला है। सभाध्यक्ष ने कहा कि यदि इसकी गंभीरता समझते हैं तो समय पर उठायें। अभी प्रश्नकाल का समय बर्बाद न करें। राजद के भाई वीरेन्द्र ने कहा कि सदस्य सिर्फ प्रश्न पूछने सदन में नहीं आते हैं। मॉब लिंचिंग गंभीर मामाल है और इसपर तुरंत चर्चा होनी चाहिए।
सभाध्यक्ष ने कहा कि किसने कहा कि आप सिर्फ सवाल पूछने सदन में आते हैं। रहा सवाल, मॉब लिंचिंग का तो हाल में गृह विभाग के बजट के दौरान 3 घंटे कानून व्यवस्था पर चर्चा हुई थी। बहरहाल, अध्यक्ष की सख्ती से प्रश्नकाल आरंभ हुआ। इसकी समाप्ति के बाद सभाध्यक्ष ने समीर महासेठ, मो. नेमतुल्लाह समेत अन्य के मॉब लिंचिंग पर कार्यस्थगन को नियमानुकूल नहीं पाते हुए अमान्य करार दिया। इसके बाद विपक्ष के सदस्य खड़े होकर हो-हल्ला करने लगे।
राजद, कांग्रेस और माले के सभी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। विपक्षी सदस्य ‘मॉब लिंचिंग पर रोक लगाओ, छपरा मॉब लिंचिंग की सीबीआई से जांच कराओ’ के नारे लगाते रहे। इसपर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है, लेकिन विपक्षी सदस्य सदन को लगातार बाधित कर रहे। इन्हें जनता के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं। सभाध्यक्ष ने विधायकों से सीट पर लौटने का आग्रह बेअसर होता देख 12 बजकर 7 मिनट पर कार्यवाही स्थगित कर दी।