ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहारराज्यसभा उपचुनाव: रीना पासवान को उतार बिहार में दलितों पर दांव लगाना चाहती है RJD

राज्यसभा उपचुनाव: रीना पासवान को उतार बिहार में दलितों पर दांव लगाना चाहती है RJD

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 मिली करीबी हार के बाद राजद के तेवर तल्ख बने हुए हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन के बाद बदले राजनैतिक हालात में बिहार चुनाव में मात्र एक सीट पर जीती...

राज्यसभा उपचुनाव: रीना पासवान को उतार बिहार में दलितों पर दांव लगाना चाहती है RJD
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोSun, 29 Nov 2020 09:16 AM
ऐप पर पढ़ें

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 मिली करीबी हार के बाद राजद के तेवर तल्ख बने हुए हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन के बाद बदले राजनैतिक हालात में बिहार चुनाव में मात्र एक सीट पर जीती एलजेपी भी बार्गेनिंग की स्थिति में नहीं है। इस बीच रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में जब भाजपा ने सुशील मोदी को प्रत्याशी बनाने का ऐलान कर दिया है तो वहीं आरजेडी भी रीना पासवान के बहाने दलितों पर दांव लगाना चाहती है।

लोजपा संस्थापक और पिता के निधन से खाली हुई सीट पर बेटा और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने भाजपा से अपनी मां रीना पासवान को उम्मीदवार बनाने की मांग की थी लेकिन बिहार चुनाव में लोजपा की स्थिति देखते हुए बदले हालात में एनडीए ने इस सीट से बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी को प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी। बदले हालात में राजद भी अब एनडीए प्रत्याशी को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है।

पार्टी इस सीट पर बड़ा दांव खेलते हुए लोजपा प्रमुख और चिराग पासवान की मां रीना पासवान के बहाने दलितों पर निशाना साधना चाह रही है।  चिराग यदि तैयार होते हैं तो राजद रीना पासवान पर दांव लगाने को तैयार है। राजद का कहना है कि यह सीट दलित कोटे की है, जिस पर भाजपा सुशील मोदी के रूप में एक वैश्य को उच्च सदन में भेज रही है। हालांकि लोजपा ने अभी राजद के इस ऑफर पर चुप्पी साध रखी है।

रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार में राजनैतिक हालात बदल चुके हैं। पूर्व में भाजपा और जदयू ने मिलकर उन्हें राज्यसभा भेजा था। मगर उनके निधन के बाद अब यह सीट भी लोजपा के हाथ से निकल गई है। जदयू की ओर से कई बार चुनाव के दौरान कहा भी गया कि जदयू की बदौलत ही रामविलास पासवान राज्यसभा गए थे। अब इस सीट से भाजपा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को प्रत्याशी बनाया है।

दलित कार्ड खेल रहा राजद
ऐसे में राजद ने दलित कार्ड खेला है। उसने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि यदि रीना पासवान चुनाव मैदान में आती हैं तो राजद बिना शर्त उनका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि यह सीट देश के बड़े दलित नेता रामविलास पासवान  की निधन से खाली हुई है। कायदे से यह सीट लोजपा को जानी चाहिए थी। यही रामविलास पासवान को सच्ची श्रद्धांजलि होती। यदि चिराग अपनी मां को प्रत्याशी नहीं बनाते हैं तो राजद किसी अन्य दलित चेहरे पर दांव लगा सकता है। रविवार को इस पर कोई फैसला हो सकता है।

सुशील कुमार मोदी दो दिसंबर को नामांकन दाखिल करेंगे
केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में भाजपा की ओर से नामित पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी दो दिसम्बर को नामांकन दाखिल करेंगे। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि दो दिसम्बर को साढ़े 12 बजे सुशील मोदी नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल सहित एनडीए के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

बता दें कि सुशील कुमार मोदी के नाम बिहार में सबसे लंबे समय तक उपमुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है। साल 2005 में वे बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री बने और  वे 11 वर्ष तक इस पद पर रहे। संसदीय राजनीति में सुशील मोदी 1990 में पटना केंद्रीय (अब कुम्हरार) विधान सभा से पहली बार चुनाव जीते। इसके बाद 1995 और 2000 में चुनाव जीते। 2004 में भागलपुर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद 2005 में इस्तीफा देकर उपमुख्यमंत्री बने। इसके पहले 1996 से 2004 तक आठ साल तक बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। साल 2000 में सात दिनों की नीतीश सरकार में संसदीय कार्य मंत्री बने।  जून 2013 में भाजपा के नीतीश सरकार से अलग होने तक वे उप मुख्यमंत्री रहे। सरकार से हटने पर बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता बने। जुलाई 2017 से लेकर प्रदेश में गठित नई सरकार के बनने तक उपमुख्यमंत्री के पद पर रहे। 
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें