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बिहार चुनाव: तेजस्वी ने जारी किया RJD का घोषणा पत्र, 10 लाख नौकरी, 1500 बेरोजगारी भत्ता और संविदा प्रथा करने समेत ये हैं बड़े वादे

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। महागठबंधन की ओर से मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव, मनोज झा सहित कई वरिष्ठ नेताओं...

बिहार चुनाव: तेजस्वी ने जारी किया RJD का घोषणा पत्र, 10 लाख नौकरी, 1500 बेरोजगारी भत्ता और संविदा प्रथा करने समेत ये हैं बड़े वादे
हिन्‍दुस्‍तान टीम ,पटना Sat, 24 Oct 2020 10:23 AM
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बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। महागठबंधन की ओर से मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव, मनोज झा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने पटना में घोषणा पत्र जारी किया। 16 पेज के इस घोषणा पत्र को 'हमारा प्रण', 'संकल्‍प बदलाव का' नाम दिया गया है।

घोषणा पत्र में राजद ने बिहार के बेरोजगार युवाओं को 10 लाख नौकरी देने का वादा दोहराया है। इसके अलावा बेरोजगार युवाओं को 1500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है। सरकारी नौकरियों का फॉर्म भरने के लिए बिहार के युवाओं को आवेदन शुल्क नहीं देना होगा। राजद ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने, गांवों को स्‍मार्ट बनाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने, प्रदेश में नई उद्योगों नीति आने और नए उद्योग स्थापित करने के लिए टैक्स माफी का वादा भी किया है। 

इसके साथ ही सरकारी नौकरी में बिहार के युवाओं को तरजीह देने के लिए राज्य सरकार डोमिसाइल पॉलिसी लाएगी। सरकारी नौकरियों के 85 प्रतिशत पद बिहार के युवाओं के लिए आरक्षित होंगे। इसके अलावा किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई है। 

गौरतलब है कि इसके पहले महागठबंधन की ओर से भी संयुक्‍त घोषणा पत्र जारी किया गया था। अब राजद ने अलग से अपना घोषणा पत्र जारी किया है। इसमें नए स्थाई पदों का सृजन कर कुल 10 लाख नौकरियों का पहली कैबिनेट बैठक में करने का वादा किया गया है। तेजस्वी यादव ने राजद नेताओं की उपस्थिति में इसे जारी करते हुए कहा कि यह कोई घोषणा पत्र नहीं बल्कि हमारा प्रण है। इसमें बिहार को बदलने के लिए 17 बिंदुओं पर काम करने का संकल्प लिया गया है। इन बिंदुओं में मुख्‍य रूप से रोजगार, शिक्षा, कृषि, उद्योग समेत अन्य मुद्दों को शामिल किया गया है।

घोषणा पत्र के मुख्‍य वादे-

नए स्थाई पदों का सृजन कर के कुल 10 लाख नौकरियों की समय बाद बहाली की प्रक्रिया पहले ही कैबिनेट बैठक में पहली दस्तखत के साथ शुरू होगी।

संविदा प्रथा को खत्‍म कर शिक्षकों और उर्दू शिक्षकों सहित सभी कर्मचारियों को स्थाई कर समान काम समान वेतन दिया जाएगा और सभी विभागों में निजीकरण को समाप्त किया जाएगा। 

गांवों को स्मार्ट बनाया जाएगा और सीसीटीवी लगाए जाएंगे।

किसान आयोग, व्यावसायिक आयोग, युवा आयोग और खेल आयोग का गठन किया जाएगा। 

हर जिले में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का गठन किया जाएगा. 

किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। 

बुजुर्गों और गरीबों का पेंशन 400 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति महीने किया जाएगा।

राज्य की जीडीपी का 22 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा।

किडनी मरीजों के लिए मुफ्त डायलासिस की व्यवस्था होगी।

'50 साल की उम्र पूरी कर चुके सरकारी कर्मचारियों को परफार्मेंश के आधार पर अनिवार्य सेवानिवृति देने के आदेश को वापस लिया जाएगा। 

रोजगार सृजन के उद्योगों को प्रोत्साहन के लिए नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत प्रभावी टैक्स डिफरेंट एवं टैक्स वेइवर स्कीम लाई जाएगी, जिसमें नए उद्योगों की स्थापना के अंतर्गत किए गए निवेश निवेशकों में सब्सिडी एवं अधिक रोपित करों में एक निश्चित अवधि तक छूट दी जाएगी।

नियोजित शिक्षकों को वेतनमान कार्यपालक सहायकों लाइब्रेरियन उर्दू शिक्षकों की बहाली की जाएगी राज्य के मूलनिवासी युवाओं के भी सरकारी बहाली परीक्षाओं में फॉर्म निशुल्क होंगे तथा राज्य में के अंतर्गत गृह जिला से परीक्षा केंद्र तक की यात्रा मुक्त होगी। 

कार्यालय सहायक, सांख्यिकी स्वयं सेवक, लाइब्रेरियन ,उर्दू शिक्षकों, आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका, आशा कर्मी,  ग्रामीण चिकित्सकों, जीविका दीदियों की मांगों को पूरा किया जाएगा। 

हेल्थ केयर सेक्टर में निजी एवं असंगठित क्षेत्रों के माध्यम से प्रत्यक्ष नौकरियों व परोक्ष रोजगार के लाखों अवसर सृजित किए जाएंगे।

जीविका कैडरों को नियमित वेतनमान पर स्थाई नौकरी के साथ समूहों के सदस्यों को ब्याज मुक्त ऋण देंगे।

कॉरपोरेट जगत के तकनीकी प्रशिक्षकों की देखरेख में सरकारी निर्देशानुसार कौशल विकास केंद्रों की स्थापना होगी जहां परंपरागत कौशल के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रश्न कौशल सॉफ्ट स्किल्स का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

हर जिले में रोजगार केंद्रों की स्थापना होगी अधिकतम 200 दिनों में कौशल योग्यता अनुरूप निजी व सरकारी उपक्रम में रोजगार देने अथवा रोजगार के विकल्प उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी होगी।

रोजगार प्रक्रिया में गैर-सरकारी बिचौलियों एजेंसियों को हटाकर सीधा युवाओं को लाभ दिया जाएगा।

श्रमिकों के हित में सरकारी विभागों उपक्रमों को निजी हाथों में जाने से रोकने का प्रावधान किया जाएगा।

बिहार में किसान आयोग, व्यवसायी आयोग, युवा आयोग और खेल आयोग का गठन किया जाएगा। 

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