बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर के टोड़ी स्थित सुअरा नदी के घाट पर ग्रामीणों ने एक मृत मगरमच्छ के बच्चे को गुरुवार को देखा। उसके शरीर पर खाल नहीं थी और दोनों आखें भी निकाली हुई थी। यह करतूत किसी शिकारी की ही होने की आशंका जताई जा रही है। शिकारियों ने मगरमच्छ के बच्चे को मारकर उसकी खाल व आंखें निकाल ली है।
बताया गया है कि जब ग्रामीण गुरुवार की अहले सुबह स्नान करने गए तो नदी के तट पर मगरमच्छ के बच्चे को देख वह अचंभित हो गए। उसके शरीर पर चमड़ी व आंखें नहीं थीं। थोड़ी ही देर में इसकी खबर अन्य लोगों तक पहुंची और ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। भीड़ में शामिल लोगों ने कहा कि शिकारी अब जंगली जानवरों के शिकार करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि नदी के जलीय जीवों के शिकार भी करने लगे हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि शिकारी जंगली जानवरों सहित जलीय जीव कछुआ, मगरमच्छ और बड़ी मछलियों व उसके अंगों की भी तस्करी करने लगे हैं। इन जीवों की तस्करी रोकने के लिए वन विभाग द्वारा जलाशय में पेट्र्रोंलग करने के लिए नाव भी मंगाया है। लेकिन, शिकारी वन विभाग की टीम की आंखों से बचकर तस्करी का धंधा कर रहे हैं। इस संबंध में वनपाल रविशंकर राय से पूछने पर उन्होंने कहा कि इस घटना की उन्हें जानकारी नहीं थी।
अब जानकारी मिली है तो वह सुवरा नदी के टोड़ी घाट पर जा रहे हैं। बता दें कि तत्कालीन सांसद मीरा कुमार के प्रयास से करीब 10 वर्ष पूर्व जगदहवां डैम की मरम्मत के दौरान उसका पानी निकाला गया था। इस दौरान डैम में पाले जा रहे मगरमच्छ को सुवरा नदी में लाकर छोड़ा गया था। वन विभाग द्वारा छोड़े गए उन्हीं दो मगरमच्छों के बच्चों से भैसही नदी में इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। इनमें नर-मादा दोनों तरह के मगरमच्छ हैं। नदी के विभिन्न घाटों पर अक्सर मगरमच्छ दिखाई पड़ते रहते हैं।