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आरसीपी सिंह का साथ नहीं छोड़ रहा 7 नंबर का साया, सांसद - मंत्री बनने से बंगला गंवाने तक, जुलाई में बचेगी कुर्सी ?

आरसीपी के नाम से मशहूर जेडीयू नेता और केंद्रीय स्टील मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह का राज्यसभा कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसके बाद वो नरेंद्र मोदी के मंत्री बने रहेंगे या नहींं, बड़ा सवाल है।

आरसीपी सिंह का साथ नहीं छोड़ रहा 7 नंबर का साया, सांसद - मंत्री बनने से बंगला गंवाने तक, जुलाई में बचेगी कुर्सी ?
Ritesh Vermaलाइव हिन्दुस्तान,पटनाTue, 21 Jun 2022 06:32 PM

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नरेंद्र मोदी सरकार में स्टील मंत्री और जेडीयू नेता आरसीपी सिंह का राज्यसभा कार्यकाल 7 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसके बाद को केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री रहेंगे या नहीं रहेंगे, इस पर भयानक राजनीतिक सस्पेंस है। लेकिन आरसीपी के नाम से मशहूर रामचंद्र प्रसाद सिंह एकदम टशन में हैं। बॉडी लैंग्वेज और बोली दोनों से ऐसा लग रहा है कि वो आश्वस्त हैं कि नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में उनकी पारी अभी खत्म नहीं होगी।

आरसीपी के जीवन में 7 नंबर का बहुत रोल है। जन्म से लेकर सांसदी तक और मंत्री बनने से बंगला छिनने तक। 7 नंबर का साया आरसीपी सिंह का साथ नहीं छोड़ रहा है। 7 नंबर का खेल आरसीपी सिंह के जन्म से ही शुरू हो जाता है। आरसीपी सिंह का जन्म 6 जुलाई, 1958 को हुआ है यानी सातवें महीने में। पहला सात। जन्म के बाद सीधे हम उनके सांसद बनने पर आ जाते हैं। हो सकता है कि उनके जीवन में सांसद बनने से पहले भी 7 का बहुत सारा कनेक्शन रहा हो लेकिन वो हमें पता नहीं है।

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आरसीपी सिंह 2010 में पहली बार जब राज्यसभा पहुंचे तो वो महीना जुलाई था। दूसरी बार जब राज्यसभा पहुंचे 2016 में तो वो महीना भी जुलाई था। जुलाई साल का सातवां महीना है। आरसीपी सिंह जब नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने तो वो तारीख थी 7 जुलाई। महीना सात, तारीख भी सात। राज्यसभा में उनका कार्यकाल जब खत्म हो रहा है वो तारीख भी 7 जुलाई है। तारीख सात, महीना भी सात.

बंगला जो नीतीश सरकार ने छीना उसका नंबर भी 7 ही था

बिहार की राजधानी पटना में वो जिस बंगले में 10-12 साल से रह रहे थे उसका नंबर है 7, स्ट्रैंड रोड। ये बंगाल जेडीयू के विधान पार्षद संजय गांधी के नाम पर आवंटित था लेकिन रहते आरसीपी सिंह थे। अब ये बंगाला राज्य के मुख्य सचिव को दे दिया गया है और आरसीपी सिंह ने पिछले हफ्ते इस बंगले को खाली भी कर दिया है। 

कायदे से बिना सांसद या विधायक बने भी कोई नेता छह महीने तक सरकार में मंत्री रह सकता है। प्रावधान का फायदा उन मंत्रियों को मिलता है जो मंत्री बनने वक्त किसी सदन के सदस्य नहीं होते। आरसीपी मौजूदा राज्यसभा सांसद हैं और उनका टर्म 7 जुलाई को पूरा हो रहा है। लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने आरसीपी सिंह को रिपीट करने के बदले झारखंड के जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को राज्यसभा भेज दिया।

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टर्म पूरा होने से पहले आरसीपी सिंह के सांसद चुने जाने का सारा स्कोप खत्म हो चुका है। मंत्री रहते सांसदी खत्म होने के बाद भी मंत्री परिषद में बरकरार रहे तो आरसीपी इस तरह से मिनिस्टर बने रहने वाले अनूठा उदाहरण का नेता बन सकते हैं। लेकिन इसके लिए बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भरपूर कृपा चाहिए। और तब भी वो कैसे और किस सदन में कहां से पहुंच पाएंगे, उसकी मा्थापच्ची अलग होगी।

आरसीपी समर्थक कहते हैं कि पीएम मोदी राष्ट्रपति से मनोनीत करवा देंगे और मंत्री भी बनाए रखेंगे लेकिन मनोनीत सांसदों के मंत्री बनने का कोई उदाहरण हमें याद नहीं। 17 दिन बाद राज्यसभा के कैलेंडर में 7 जुलाई की तारीख आएगी और आरसीपी सिंह पूर्व सांसद बन जाएंगे। आरसीपी सिंह फौरन पूर्व मंत्री बन जाएंगे या 6 महीने बाद या बीच में कोई चमत्कार होगा, सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पता होगा।

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