रेप का आरोपी मुस्लिम है इसलिए तेजस्वी चुप हैं, अयोध्या कांड पर बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने राहुल, अखिलेश और तेजस्वी को घेरा है। गिरिराज सिंह ने इन तीनों ही नेताओं का नाम लेते हुए कहा है कि चूकि इस गैंगरेप कांड का आरोपी मुस्लिम है इसलिए इन सभी नेताओं ने चुप्पी साध ली है।
उत्तर प्रदेश के चर्चित अयोध्या गैंगरेप कांड पर राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी, अखिलेश यादव और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर एक साथ निशाना साधा है। गिरिराज सिंह ने इन तीनों ही नेताओं का नाम लेते हुए कहा है कि चूकि इस गैंगरेप कांड का आरोपी मुस्लिम है इसलिए इन सभी नेताओं ने चुप्पी साध ली है।
बिहार के बेगूसराय में मीडिया से बातचीत में गिरिराज सिंह ने कहा, 'अयोध्या में बेटी के साथ जो घटना हुई है उसे जीभ पर लाना भी पाप जैसा लगता है। लेकिन आज जुबान बंद है राहुल गांधी का क्योंकि लड़की के साथ दुष्कर्म करने वाला आऱोपी मुस्लिम है। इसलिए राहुल गांधी की जुबान बंद है, अखिलेश यादव की जुबान बंद है, तेजस्वी यादव का जुबान बंद है और सारे टुकड़े-टुकड़े गैंग का जुबान बंद है। जब भारत की सनातन पर चोट करना होता है तब यह सारे एकजुट होकर सनातन के खिलाफ बोलते हैं।'
आपको बता दें कि अयोध्या के एक इलाके में नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसका अश्लील वीडियो बना लिया। पीड़िता का आऱोप है कि वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल कर कई बार उसके साथ रेप किया गया। इस दौरान जब पीड़िता गर्भवती हो गई तब इस पूरे मामले का खुलासा हो गया। 12 साल की नाबालिग लड़की से रेप के मामले में राजू और मोईद खान नाम के दो युवकों का नाम सामने आय़ा है।
मोईद खान के बारे में कहा जा रहा है कि वो कथित तौर से समाजवादी पार्टी का नेता है। इस मामले में मोईद खान पर कार्रवाई हुई है और उसके बेकरी को सील कर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। योगी सरकार ने इस मामले में आरोपी मोईद के खिलाफ बुलडोजर ऐक्शन भि लिया है।
इस कांड को लेकर बीजेपी आरोप लगा रही है कि घटना का आरोपी अयोध्या से समाजवादी पार्टी के सांसद का करीबी है। इधर हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में कहा है, 'बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए। बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। माननीय न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि स्वत: संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।'