रामचरितमानस बनेगा राष्ट्रीय ग्रंथ; चित्रकूट पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य का दावा, सरकार बदल कर पटना में होगी कथा
स्वामी रामभद्राचार्य ने दावा किया कि रामचरितमानस ग्रंथ जल्द राष्ट्रीय ग्रंथ बनेगा। कहा कि जो व्यक्ति आस्था के प्रतीक रामचरितमानस की निंदा करेेंगे उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
चित्रकूट तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य इन दिनों पश्चिमी चंपारण के रामनगर स्थित अर्जुन विक्रम शाह स्टेडियम में राम कथा कर रहे हैं। शुक्रवार को कथा के दौरान स्वामी जी नाराज दिखे। नीतीश सरकार द्वारा पटना में आगामी दो दिसंबर से प्रस्तावित राम कथा की अनुमति नहीं दी गयी है। इस पर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई। कहा कि अब इनकी सरकार हटेगी उसके बाद ही पटना गांधी मैदान में कथा कहेंगे। उन्होंने रामचरितमानस को लेकर बड़ा बयान दिया।
स्वामी रामभद्राचार्य ने दावा किया कि रामचरितमानस ग्रंथ जल्द ही राष्ट्रीय ग्रंथ बनेगा। यह भी कहा कि जो व्यक्ति आस्था के प्रतीक रामचरितमानस की निंदा करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसे लोगों पर राष्ट्रद्रोह का केस चलेगा और उन्हें जेल जान पड़ेगा। स्वामी जी ने यह भा दावा किया कि रामचरितमानस में कोई ऐसा शब्द नहीं है, जो देश को बांटता हो या समाज के किसी व्यक्ति को अपमानित करता हो। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी के लिए रामभद्राचार्यजी ने कहा कि उनका कथन गलत है। याद दिलाया कि लालू यादव ने कभी ने कहा था कि भूरा बाल साफ करो, इसका जवाब जनता ने दिया।
स्वामी जी ने कहा कि जब सनातन धर्म पर हमला होगा तो हम चुप नहीं बैठेंगे। रामकथा ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन उन्होंने कहा कि सरकार मेरी बातों से घबरा गई है। यही कारण है कि एक साल से गांधी मैदान में प्रस्तावित मेरी कथा को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। लेकिन, अब कथा तब होगी जब इनकी सरकार चली जाएगी। कहा कि जब इनकी सरकार चली जाएगी तब ही कथा होगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2024 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की ही सरकार बनेगी।
उन्होंने सरकार को यह कहकर चुनौती दी कि दम है कितना दमन में तेरे देख लिया है देखेंगे। कहा कि मैं सनातन हिन्दू धर्म का समर्थक हूं। मैं तीन मांग सरकार से करता हूं। पहला जाति के आधार पर गणना वापस लो, सनातन धर्म पर की गई टिप्पणियों पर मेरे प्रश्नों के उत्तर दो और जाति के आधार पर दिये गये आरक्षण को हटा लो। अब मैं बीजेपी की सरकार बनने पर ही पटना में रामकथा कहूंगा। बिहार में ज्यादा दिनों तक जंगलराज नहीं चलेगा।
डेमोक्रेसी में हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार संविधान ने दिया है। अगर कोई रामचरित मानस की निंदा करेगा तो मैं चुप नहीं बैठूंगा। हम कभी भी समाज को बांटने की बात नहीं करते, जोड़ने की बात करते हैं। उन्होंने नारी शिक्षा पर कहा कि नारी नहीं पढ़ेगी तो समाज नहीं सुधरेगा। उन्होंने लोगों से बच्चियों को शिक्षित करने का आह्वान किया।
राम कथा के चौथे दिन शुक्रवार को रामभद्राचार्य ने माता सीता के जन्म का वर्णन किया। माता सीता के जन्म का प्रसंग आते ही पूरे पंडाल में हर्षोल्लास छा गया। नारी शक्ति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक बेटी सौ बेटों के बराबर होती है। पूजा पंडाल में व्यवस्था बनाए रखने को लेकर स्वंय सेवकों की तैनाती बढ़ाई गई है।