आरजेडी MLC सुनील सिंह को हटाने से ठाकुर नाराज, नीतीश सरकार के लिए क्यों चिंता की बात?
आरजेडी के एमएलसी रहे सुनील सिंह को बिहार विधान परिषद से बर्खास्त किए जाने पर ठाकुर समाज ने नाराजगी जाहिर की है। समाज ने एनडीए सरकार पर राजपूतों की अनदेखी का आरोप भी लगाया है।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता को समाप्त करने के मामले पर बिहार में राजनीति चरम पर है। अब ठाकुर समाज ने इस पर नाराजगी जताई है। छपरा में राजपूत समाज के नेता और सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने सुनील सिंह को बिहार विधान परिषद से हटाए जाने को दुखद और चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि सुनील सिंह को सदन से बर्खास्त करने के साथ ही बिस्कोमान के चेयरमैन पद से भी हटा दिया गया है। ये दोनों घटनाएं साफ दिख रही हैं कि कैसे मौजूदा सिस्टम क्षत्रिय नेताओं के खिलाफ काम कर रहा है। बता दें कि अगले साल बिहार विधानसभा का चुनाव होना है। सारण के अलावा उत्तर और दक्षिण बिहार के कई जिलों में राजपूत वोटरों की संख्या अच्छी खासी है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए ठाकुरों की नाराजगी चिंताजनक साबित हो सकती है।
सारण विकास मंच के शैलेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि आरजेडी के सुनील सिंह को अपने सिद्धांतों पर अड़िग रहने का खामियाजा भुगतना पड़ा। यह मामला सिर्फ सुनील सिंह का नहीं, बल्कि उनके जरिए पूरे क्षत्रिय समाज को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सत्ता के विरोध का स्वर हर हाल में कुचला जाएगा। केंद्र और बिहार दोनों ही सरकारों में क्षत्रियों की उपेक्षा का एक दौर शुरू हुआ है और इस दौर में हर उस आवाज को कुचलने की कोशिश की जा रही है, जो विपरीत धारा में आजाद रहना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सुनील सिंह की विधान परिषद सदस्यता रद्द करने का जो कारण बताया गया, वो गले तो नहीं उतरता है। बिहार विधानमंडल में पूर्व में ऐसे कई बयान सुने गए हैं और रिकॉर्ड हैं, जिसने विधानमंडल के सदस्यों को ही नहीं पूरे बिहार को शर्मसार किया। मगर तब उन मामलों पर सदन की किसी आचार समिति ने न कुछ सुना, न कुछ देखा और न ही उस पर कोई फैसला दिया। लेकिन जैसे ही इस मामले में एक क्षत्रिय नेता को फंसाने की हल्की गुंजाइश दिखी, सभी सक्रिय हो गए और ऑन द स्पॉट फैसला कर दिया गया।
आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह विधान परिषद से बर्खास्त, नीतीश की मिमिक्री के आरोप में सदस्यता गई
सिंह ने आरोप लगाए कि बिहार में क्षत्रियों को न सिर्फ दंडित किया जा रहा है बल्कि उन्हें सोची समझी रणनीति के तहत हीन भावना का शिकार भी बनाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में मौजूदा एनडीए की सरकार में शामिल पांच क्षत्रिय नेताओं को बिहार की जनता ने जिताया लेकिन इनमें से किसी को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया। क्षत्रिय समाज के खिलाफ प्रताड़ना और दुत्कार का दौर चलाने की इन कोशिशों की क्षत्रिय समाज को समीक्षा करनी होगी क्योंकि क्षत्रिय धर्म सम्मान की रक्षा करना और अपमान का प्रतिकार करना है।