बिहार पुलिस के सिपाही प्रोन्नत होकर पहले हवलदार बनेंगे या एएसआई यह अबतक तय नहीं हो पाया है। लम्बा वक्त गुजर जाने के बाद भी पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर सरकार की सहमति नहीं मिल पाई है। प्रोन्नति पर निर्णय नहीं होने के चलते हजारों सिपाही असमंजस में हैं।
अभी सिपाहियों की प्रोन्नति दो तरह की है
फिलहाल बिहार पुलिस में दो तरह के सिपाही हैं। एक साक्षर जो मैट्रिक पास करने के बाद सिपाही के पद पर बहाल हुए। दूसरे असाक्षर सिपाही, जिनकी बहाली नन मैट्रिक के आधार पर हुई है। साक्षर सिपाही, पीटीसी ट्रेनिंग के बाद सीधे एएसआई बनते हैं। वहीं असाक्षर सिपाहियों को हवलदार में प्रोन्नति देने का नियम है। हालांकि, नन मैट्रिक सिपाही अब न के बराबर रह गए हैं। वहीं 2003 तक बहाल मैट्रिक पास सिपाही या तो पीटीसी ट्रेनिंग कर चुके हैं या कर रहे हैं।
2004 में सिपाही बहाली की योग्यता बदली थी
बिहार में पहले नन मैट्रिक भी सिपाही में बहाल हो सकते थे। वर्ष 2004 से यह व्यवस्था बदल गई। 2004 या उसके बाद जो भी बहालियां हुई वह मैट्रिक पास के आधार पर हुई। साल 2013 में सिपाही के लिए इंटर पास होना अनिवार्य कर दिया गया।
प्रोन्नति पर निर्णय लेना हो गया आवश्यक
अभी जो सिपाही कार्यरत हैं वह मैट्रिक या इंटर पास है। ऐसे में सिपाहियों की प्रोन्नति को लेकर नीति तय करना आवश्यक हो गया था। लम्बे मंथन के बाद पुलिस मुख्यालय ने सिपाही को हवलदार फिर एएसआई में प्रोन्नति देने का प्रस्ताव सरकार को जनवरी 2020 में भेजा था। पर अभी तक इसपर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
दोनों प्रोन्नति के लिए एक ही कोर्स
सिपाही से प्रोन्नत होने के लिए अभी दो कोर्स होते हैं। हवलदार के लिए सीनियर लीडरशीप कोर्स (एसएलसी) और एएसआई में प्रमोशन के लिए प्रमोशनल ट्रेनिंग कोर्स (पीटीसी) ट्रेनिंग होती है। दोनों छह महीने का है। नए प्रस्ताव के तहत दोनों कोर्स को मिलाकर नया सिलेबस तैयार किया जाएगा। इसी सिलेबस की पढ़ाई दोनों पदों पर प्रोन्नति के लिए आवश्यक होगी।
6 साल पर हवलदार व 11 वर्ष में एएसआई
अधिकारियों के मुताबिक प्रोन्नति का जो फार्मूला सुझाया गया है उसके तहत पहली प्रोन्नति 6 साल पर हवलदार में होगी। वहीं इसके 5 वर्ष बाद एएसआई में प्रोन्नति दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक इस अवधि को पार कर चुके सिपाहियों को किस पद पर प्रोन्नत किया जाएगा इसका उल्लेख प्रस्ताव में नहीं है। माना जा रहा है कि सरकार के निर्णय के बाद इसपर अगल से मंथन किया जाएगा।