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पीके ने महागठबंधन की चुनावी रणनीति में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

प्रशांत किशोर ने 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कई नये प्रयोग पीके ने किया था, जो चर्चा में रहा था। मुख्य रूप से चुनावी रणनीतिकार के...

पीके ने महागठबंधन की चुनावी रणनीति में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरोThu, 30 Jan 2020 10:09 AM
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प्रशांत किशोर ने 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की चुनावी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कई नये प्रयोग पीके ने किया था, जो चर्चा में रहा था। मुख्य रूप से चुनावी रणनीतिकार के तौर पर ही उनकी सेवा जदयू ने लिया था।

पीके ने चुनाव के दौरान नारा गढ़ा था कि ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’। यह नारा सबसे अधिक चर्चा में रहा और राज्यभर में इसे विभिन्न भाषणों और चर्चाओं में दोहराया जाता रहा। इसके अलावा उन्होंने एक गीत भी गढ़ा था, जो जगह-जगह पर दोहराया गया। मोबाइल टोन के रूप में भी यह गीत बजा। चुनाव के दौरान महागठबंधन के बड़े नेताओं के दौरे का कार्यक्रम भी बनाने में भी इनकी भूमिका रही थी। युवाओं को पार्टी से जोड़ने के लिए भी इन्होंने मुहिम चलाया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम भी इन्होंने चलाया था। उनको 17 अक्टूबर 2018 को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था।

पीयू छात्रसंघ में भी सक्रिया रहे
पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव में भी पीके सक्रिय रहे। हालांकि चुनाव के दौरान वे विवाद में भी आये। चुनाव के दौरान वे पटना विश्वविद्यालय में पहुंच गए थे, जिसका काफी विरोध हुआ था। इसके बाद पुलिस की सुरक्षा में उन्हें विश्वविद्यालय कैंपस से बाहर निकाला गया था। इसके बाद अन्य विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के चुनाव में भी इन्होंने भूमिका निभाई थी।    

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