बिहार में अफसर खुद को माई-बाप समझ रहे, प्रशांत किशोर बोले- ये नीतीश का जंगलराज है
प्रशांत किशोर ने कहा कि चंपारण समेत बिहार के लोगों के पास विकल्प का अभाव है। इसलिए वे या तो महागठबंधन या एनडीए को वोट करते हैं। राजनीतिक पार्टियां इसी का फायदा उठ रही हैं।

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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में अफसरशाही को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। पीके ने कहा कि नीतीश सरकार में अफसर खुद को माई-बाप समझ रहे हैं। वो जो चाहे वो कर रहे हैं। यही नीतीश का जंगलराज है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जनता के पास वोट करने के लिए विकल्प का अभाव है, इसलिए महागठबंधन और एनडीए इसका फायदा उठा रहे हैं।
जनसुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर उर्फ पीके अभी पूर्वी चंपारण जिले के दौरे पर हैं। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पीके ने कहा कि नीतीशराज में अफसरशाही से लोग त्रस्त हैं। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि बक्सर में दो लोगों की मौत हुई, एक स्थानीय शख्स की और एक पुलिस की साइड से हुई। लड़ाई-झगड़े का मामला था। अब इस मामले में होना यह चाहिए था कि जिसने गलती की उसे सजा मिलनी चाहिए थी। मगर अफसरों ने पूरे के पूरे दो गांवों को ही नामजद कर दिया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इन गावों के 700 परिवारों के सैकड़ों लोग अपने घरों को छोड़कर भाग गए। वहां पर जब हम गए, मदद की तो हमने बात की तो अब ग्रामीण लौटे हैं। एक जगह पर सीओ साहब ने चिनिया-बदाम बेचने वाले को पकड़कर हाथ तोड़ दिया। यह नीतीश कुमार की अफसरशाही का ही नतीजा है। यहां अफसर अपने आप को माई-बाप समझ रहा है। यह जंगलराज नहीं तो और क्या है।
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बिहार के लोगों के पास कोई विकल्प नहीं
प्रशांत किशोर ने कहा कि चंपारण समेत बिहार के अन्य जगहों पर लोगों के पास विकल्प का अभाव है। वे बीजेपी या एनडीए को इसलिए वोट कर रहे हैं ताकि लालू यादव के जंगलराज को वापस न देखा जाए। वहीं, जो लोग बीजेपी से चिढ़ते हैं वे महागठबंधन को इसलिए वोट कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। विकल्प के अभाव में राजनीतिक पार्टियां फायदा उठा रही है। उन्हें फ्री का वोट मिल रहा है और जनता त्रस्त है।
