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शराबबंदी: जीतन राम मांझी की मांग और अजीत शर्मा के बयान पर सियासत गरमाई

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सियासत गरमा गई है। सत्ता में साझीदार हम के शराबबंदी कानून में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने की मांग पर जदयू ने कहा है कि एनडीए के सभी दल मिलकर इस मांग पर फैसला...

शराबबंदी: जीतन राम मांझी की मांग और अजीत शर्मा के बयान पर सियासत गरमाई
हिन्दुस्तान,पटनाThu, 17 Dec 2020 09:53 PM
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बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सियासत गरमा गई है। सत्ता में साझीदार हम के शराबबंदी कानून में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने की मांग पर जदयू ने कहा है कि एनडीए के सभी दल मिलकर इस मांग पर फैसला लेंगे। वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस में दो राय बन गई है। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने अपनी ही पार्टी के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के उस तर्क का खंडन कर दिया है, जिसमें उन्होंने शराबबंदी समाप्त करने की मांग की थी। शर्मा के बयान पर जदयू नेता नीरज कुमार ने पलटवार किया है। कहा कि जो लोग शराबबंदी कानून की आलोचना करते हैं, उन्हें इसके फायदे भी बताने चाहिए।

जेल में बंद लोगों की जमानत कराए सरकार : मांझी

हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलती में जेल में बंद लोगों को छोड़ने की मांग की है। उन्होंने यह मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है। उन्होंने ट्वीट कर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए बधाई दी है। परन्तु, राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वैसे गरीब जो शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलती के लिए तीन महीने से जेल में हैं, उनके जमानत की व्यस्था सुनिश्चित करवाएं। ट्वीट में कहा है कि ऐसे गरीबों के बच्चे परिवार के मुखिया के जेल में रहने के कारण भूखे हैं।

मांझी जी की राय पर एनडीए नेतृत्व निर्णय लेगा : नीरज

शराबबंदी में जेल में बंद गरीबों को जमानत की व्यवस्था करने की जीतनराम मांझी की मांग पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यदि जीतन राम मांझी ने कोई राय रखी है तो एनडीए के घटक दल और हमारा शीर्ष नेतृत्व इस पर निर्णय लेगा। कहा कि शराबबंदी की जो मूल भावना है उसके खिलाफ जीतनराम मांझी ने कुछ कहा नहीं है, कुछ सुझाव जरूर दिए हैं। कांग्रेस नेता अजीत शर्मा के बयान पर कहा कि जो लोग शराबबंदी कानून की आलोचना करते हैं उन्हें बताना चाहिए कि शराब पीने के क्या-क्या फायदे हैं। बिहार में पीयेंगे तो पकड़े जाएंगे, लेकिन ऐसे लोग अपनी मेडिकल रिपोर्ट जारी करें। अपनी नयी पीढ़ी को पिलाएं। व्याख्या कर बताएं कि शराब पीने से उनकी डायबिटीज या अन्य कौन सा रोग ठीक हो गया।

शराबबंदी पर कांग्रेस में अलग-अलग सुर

उधर, कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने अपने दल के नेता अजीत शर्मा के उस तर्क का खंडन किया है जिसमें उन्होंने शराबबंदी समाप्त करने की मांग की थी। कहा है कि यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है, पार्टी की ऐसी नीति नहीं है। कहा है कि शराबबंदी कानून राज्य में सर्वसम्मति से लागू किया गया था। कांग्रेस विधायकों ने भी इसके लिए शपथ ली थी। कानून ठीक से लागू होना अलग मुद्दा है। ऐसे में शराबबंदी कानून को कड़ाई से लागू करने के लिए तंत्र को मजबूत करने की मांग हो सकती है, लेकिन शराबबंदी कानून खत्म करने की मांग जायज नहीं है।

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