आरक्षण पर अजय आलोक के ट्वीट पर बिहार में घमासान, राजद ने कहा- सामने आई जदयू की सोच
बिहार की राजनीति में आरक्षण हमेशा से हॉट टॉपिक रहा है। आरक्षण को लेकर नेता भी हमेशा से सोच समझकर बयानबाजी करते हैं। जदयू नेता अजय आलोक के आरक्षण को लेकर बुधवार को किए गए ट्वीट के बाद बिहार...
बिहार की राजनीति में आरक्षण हमेशा से हॉट टॉपिक रहा है। आरक्षण को लेकर नेता भी हमेशा से सोच समझकर बयानबाजी करते हैं। जदयू नेता अजय आलोक के आरक्षण को लेकर बुधवार को किए गए ट्वीट के बाद बिहार में सियासी घमासान मच गया है। राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने जदयू पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके बयान से जदयू की आरक्षण के प्रति सोच स्पष्ट होती है। कहा कि इससे साफ हो गया है कि कहीं न कहीं जदयू आरक्षण के मामले में आरएसएस की विचारधारा को अपनाने की प्रक्रिया में लग गया है।
ऐसे बयानों से संविधान तथा आरक्षण व्यवस्था पर आधारित समाज को गहरा आघात पहुंचा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपना नजरिया स्पष्ट करने की मांग की है। कहा कि ऐसा लगता है कि जदयू की सोच भी भाजपा की तरह आरक्षण के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व की मर्जी के बिना कोई पार्टी नेता आरक्षण पर ऐसा बयान नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि राजद आरक्षण के खिलाफ बोलने वालों को बेनकाब करेगा।
आपको बता दें कि जदयू नेता डॉ. अजय आलोक ने ट्वीट किया था कि आरक्षण के प्रावधान में संशोधन होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि नियम यह बनना चाहिए कि एक बार अगर आरक्षण के लाभ से पढ़ाई व आगे नौकरी मिल गई हो तो उस व्यक्ति की अगली पीढ़ी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। तभी इन जातियों के बड़े वर्ग को लाभ मिल सकेगा। कुछ परिवारों की पकड़ से आरक्षण को छुड़ाना जरूरी है।
मुख्यमंत्री नीतीश ने किया डैमेज कंट्रोल
पत्रकारों द्वारा आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्पष्ट किया कि आरक्षण है और रहेगा। उन्होंने बिहार के आरक्षण फार्मूले को देशभर में लागू करने की मांग भी रख दी। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी दो टूक कहा कि आरक्षण को कोई खत्म नहीं कर सकता। वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भी ट्वीट कर आरक्षण को लेकर वस्तुस्थिति रखी।
मांझी ने की निजी क्षेत्रों में लागू हो आरक्षण
पूर्व मुख्यमंत्री व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा है कि आरक्षण था और जब-तक सब बराबर नहीं हो जाएं, तबतक यह रहेगा। उन्होंने ट्वीट किया है कि दलित-आदिवासियों के विरोधी ही आरक्षण में संशोधन की बात कह सकते हैं। हमारा तो मानना है कि निजी क्षेत्रों और न्यायपालिका में भी आरक्षण हो। इसलिए उनकी पार्टी दिल्ली में कार्यक्रम करेगी।