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मासूम की हत्या और दुष्कर्म के मामले में मुंहबोले चाचा को फांसी की सजा

गाजियाबाद की पॉक्सो अदालत ने ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पड़ोसी मुंहबोले चाचा को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने मासूम के साथ दुष्कर्म, हत्या और शव को छुपाने जैसी जघन्य अपराध के...

मासूम की हत्या और दुष्कर्म के मामले में मुंहबोले चाचा को फांसी की सजा
हिन्दुस्तान,पटनाWed, 20 Jan 2021 09:32 PM
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गाजियाबाद की पॉक्सो अदालत ने ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पड़ोसी मुंहबोले चाचा को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने मासूम के साथ दुष्कर्म, हत्या और शव को छुपाने जैसी जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा दी है। अभियुक्त को डेढ़ लाख का अर्थदंड भी देना होगा। अदालत ने सुनवाई शुरू होने के मात्र 31 दिन में ही सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाया है।

पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने दोनों पक्ष को सुनने के बाद दोषी अभियुक्त चंदन पांडेय को फांसी की सजा और अर्थदंड सुनाया। अर्थदंड की राशि में से आधी राशि पीड़ित परिवार को देने के आदेश भी दिए। विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि उन्होंने अभियुक्त चंदन के लिए फांसी की सजा की अपील की थी। अदालत ने मासूम बच्ची के साथ जघन्य अपराध को क्रूरतम अपराध मानकर फांसी की सजा सुनाई। वत्स ने बताया कि 19 अक्टूबर की घटना थी। अदालत में 19 दिसंबर को आरोप पत्र पेश होने के बाद सुनवाई शुरू हुई। त्वरित सुनवाई के बाद मात्र 31 दिन में मामले में सजा सुनाई गई। दो दिन पहले ही चंदन को दोषी ठहराया गया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान हुए। इससे पीडित परिवार को चंद दिनों में न्याय दिलाने में अहम भूमिका रही।

लगातार हुई सुनवाई
पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि मासूम से दरिंदगी और हत्या मामले की सुनवाई लगातार की गई। विशेष अदालत में 19 दिसंबर को आरोप पत्र पेश होने के बाद मामले की सुनवाई रिकॉर्ड 31 दिन में पूरी की गई। लोक अभियोजक ने बताया कि 19 अक्टूबर की घटना में कविनगर पुलिस ने 19 जनवरी को आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया। अदालत ने लगातार सुनवाई कर 10 गवाह के बयान कराए। बीते 18 जनवरी को दोष सिद्ध और 20 जनवरी को सजा के प्रश्न पर बहस के बाद अभियुक्त चंदन को फांसी की सजा सुनाई गई।

दस वर्ष से आरोपी का घर आना जाना था
अभियुक्त चंदन का करीब 10 वर्ष से मृतका के पिता से दोस्ती थी। दोनों परिवार मृलत: बिहार का रहने वाला है। आरोपी मोतिहारी और पीड़ित परिवार सीतामढ़ी के रहने वाले हैं। इस लिहाज से भी बच्ची के परिवार से चंदन की काफी करीबी थी। वह बेहिचक बच्ची के घर आता-जाता था। घटना की शाम करीब आठ बजे तक चंदन बच्ची के पिता के साथ ही था। अचानक वह बच्ची के घर गया और बच्ची को खिलाने की बात कहकर ले गया था।

घटना से पूर्व बच्ची के पिता के साथ था आरोपी
अभियुक्त चंदन और बच्ची पिता घटना के दिन साथ साथ बैठे थे। अचानक चंदन उठकर बच्ची की मां के पास गया। ढाई वर्षीय बच्ची को खिलाने के बहाने ले गया। सुनसान में वारदात को अंजाम देकर शव नाले के पास छोड़ गया। देर रात वापस नहीं लौटने पर बच्ची के परिजन ढूंढने लगे तो नाले के पास शव देख हैरान हो गए। बच्ची की दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर हत्या की गई थी। बच्ची के पिता ने पड़ोस की झुग्गी में रहने वाले चंदन के खिलाफ नामजद मुकदमा कराया था। कविनगर पुलिस ने आरोपी चंदन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्क र्म और गला घोंटने के निशान पाए गए थे।

कैमरे के फुटेज में आरोपी दिखाई दिया
मामले की विवेचना में कविनगर पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाई। मात्र दो माह में विवेचना के बाद विशेष अदालत में आरोप पत्र पेश किया गया। विवेचना में पुलिस ने साक्ष्य जुटाए। इसमें पास की दुकान से सीसीटीवी फुटेज लिए गए। फुटेज में चंदन घटना की रात 8.50 से 8.55 के बीच मासूम बच्ची को कंधे पर ले जाता दिख रहा है। पुलिस की मजबूत विवेचना और पैरवी से जल्द मामले में फैसला सुनाया गया।

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