Hindi Newsबिहार न्यूज़PHED tenders worth Rs 4706 crores cancelled were issued in the Grand Alliance government Minister said - many flaws were found

PHED के 4706 करोड़ के टेंडर रद्द, महागठबंधन सरकार में जारी हुए थे, मंत्री बोले- कई खामियां मिलीं

पीएचईडी के 4706 करोड़ के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं। जिसकी जानकारी विभग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने विधानसभा में दी। उन्होने बताया कि टेंडर में कई खामियां थी। जिसके चलते ये फैसला लिया गया।

Sandeep अरुण कुमार, पटनाThu, 25 July 2024 12:44 PM
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बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) द्वारा जारी किए गए 4706 करोड़  के टेंडर रद्द कर दिए हैं। राज्य के पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया ये टेंडर तब जारी हुए थे, बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। और अब नई निविदा प्रक्रिया जारी है।

विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक संजय सरावगी के सवाल करते हुए पूछा, कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते टेंडर कैंसिल हुए। जिसके जवाब में मंत्री नीरज सिंह ने कहा कि कई कारण हैं। और नई टेंडरिंग प्रक्रिया जारी है। 

मंत्री ने कहा कि पहले चरण में 826 करोड़ रुपये के टेंडर रद्द किये गये थे, लेकिन दूसरे चरण में और अधिक रद्द किये गये। जिसके कई कारण हैं। कई बस्तियां और गांव छूट गए थे, अब उन्हें शामिल कर लिया गया है। पहले चरण के लिए, निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उन्हें जल्द ही आवंटित कर दिया जाएगा।

हालांकि, जब सरावगी ने इस बात पर जोर दिया कि क्या रद्द करने के पीछे के कारणों की एक समय सीमा के भीतर जांच की जाएगी और दोषी अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाएगा, तो मंत्री ने कहा कि अगर अनियमितताएं पाई गईं, तो कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, रद्द करने के पीछे कई कारण हैं। अब हम परियोजनाओं के पूरा होने में देरी से बचने के लिए दूसरे चरण के टेंडर देने की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें रद्द कर दिया गया था।

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रद्द किये गये टेंडर ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति से संबंधित हैं। जब महागठबंधन (जीए) नीतीश सरकार का हिस्सा था, तब राजद विधायक ललित कुमार यादव पीएचईडी मंत्री थे। रद्द किए गए सभी अनुबंध उनके कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षरित किए गए थे। नामांकन रद्द होने पर ललित कुमार यादव ने कहा कि पीएचईडी मंत्री ने सवाल का जवाब दे दिया है और उन्हें कुछ नहीं कहना है। सरकार वही कर रही है, जो वह उचित समझती है। इसमें कुछ नया नहीं है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद बिहार में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के तुरंत बाद, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि सरकार राजद और कांग्रेस की देखरेख वाले विभागों में ग्रैंड अलायंस द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करेगी। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जिनके पास वित्त विभाग भी है, उन्होने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी।

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