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कोरोना: शरणम अस्पताल के इलाकों को अति संवेदनशील श्रेणी में तो डाल दिया, पर नहीं किया जा सका सैनिटाइज

दक्षिणी बाईपास से सटे खेमनीचक और इसके आसपास करीब आधा दर्जन मोहल्लों और कॉलोनियों को कोरोना संक्रमण के नाम पर अति संवेदनशील श्रेणी में तो डाल दिया गया है, लेकिन सुरक्षा और सतर्कता को लेकर तैयारी नहीं...

कोरोना: शरणम अस्पताल के इलाकों को अति संवेदनशील श्रेणी में तो डाल दिया, पर नहीं किया जा सका सैनिटाइज
Malayपटना । स्मार्ट रिपोर्टरWed, 01 Apr 2020 09:19 AM
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दक्षिणी बाईपास से सटे खेमनीचक और इसके आसपास करीब आधा दर्जन मोहल्लों और कॉलोनियों को कोरोना संक्रमण के नाम पर अति संवेदनशील श्रेणी में तो डाल दिया गया है, लेकिन सुरक्षा और सतर्कता को लेकर तैयारी नहीं है। वार्ड- 44, 45 और 46 के करीब दो दर्जन से भी अधिक मोहल्लों में जनता की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जा रही है। स्थिति यह है कि खेमनीचक के जिस शरणम हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित मुंगेर के युवक सैफ को भर्ती किया गया, उसी इलाके को आजतक सैनिटाइज नहीं किया जा सका है। जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार करीब 5 किमी के दायरे को सीज करना था, लेकिन अस्पताल के ईर्द-गिर्द बांस की बल्लियों से रास्ता रोक कर इलाके को सीज करने की खानापूर्ति की गई। प्रभावित खेमनी चक, विजय नगर और सटे कई मोहल्लों में पूर्व की तरह ही लोग आ-जा रहे हैं। भीड़ भी इकट्ठी हो रही है।

मुख्य सड़कों तक सेनेटाइजेशन की खानापूर्ति 
वार्ड 44 की पार्षद माला सिन्हा का कहना है कि नगर निगम ने कुछ दिन पहले एक दिन के अंतराल पर एक-एक र्जेंटग मशीनों से मुख्य सड़कों को सैनिटाइज किया था। इसके बाद से निगम की सैनिटाइज टीम वार्ड में नजर नहीं आई। इधर, वार्ड के कोरोना वायरस संक्रमण के आशंका में घिरने के बाद इलाके के लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। लोग एक-एक गली से लेकर गंदगी वाले प्रत्येक स्थान पर सैनिटाइजेशन की मांग कर रहे हैं, लेकिन निगम से सहयोग नहीं मिल पाने की वजह से वार्ड का सैनिटाइजेनश नहीं हो सका है।

लोगों को खुद उठाना पड़ा था बीड़ा 
दो दिन पहले इलाके के युवाओं ने खुद के स्तर से ब्र्लींचग पाउडर की व्यवस्था करते हुए पिचकारी और दूसरे संसाधनों से कुछ गलियों में दवा का छिड़काव किया था, लेकिन यह प्रयास आसपास की करीब 2 लाख की आबादी के बीच नाकाफी है। इलाके के चौराहे, गली और मोहल्लों में जहां खटाल संचालित है, वहीं कई स्थानों पर जलजमाव की समस्या है। इलाके में कोरोना वायरस से संक्रमित संदिग्ध लोगों का आवागमन भी बना हुआ है। ऐसे में सैनिटाइजेशन और दूसरी सुरक्षा के अभाव में इलाके से जुड़े तीन प्रमुख वार्डों की दो  लाख की आबादी रोज दहशत में सांस ले रही है।

शरणम में भर्ती था सैफ
बाईपास पर बने शरणम हॉस्पिटल में मुंगेर निवासी कोरोना पीड़ित सैफ को भर्ती कराया गया था। युवक की कुछ दिन पहले मौत हो चुकी है। उसकी देखरेख करने वाले वार्ड ब्वॉय के अलावा एक टेक्नीशियन भी कोरोना पॉजिटिव निकला। दोनों कर्मचारी खेमनीचक और विजय नगर में रहते थे। प्रशासन को जब जानकारी हुई तो आनन-फानन में वार्ड ब्वॉय और टेक्नीशियन की तलाश की गई। साथ ही इस दरम्यान हॉस्पिटल में इलाज करवाने वाले करीब 200 लोगों की तलाश अब भी जारी है। लैब टेक्नीशियन और वार्ड ब्वॉय को संक्रमित पाये जाने पर सरकारी हॉस्पिटल में तो आईसोलेट किया गया, लेकिन इस दरम्यान शरणम में इलाज करवाने वाले 200 लोगों का सुराग नहीं लगा।

अंचल के जिस इलाके में गंदगी है और बीमारी की आशंका है, उसे चिह्नित करते हुए  सैनिटाइजेशन करवाया जा रहा है। अगर किसी स्थान पर दवा छिड़काव नहीं हो पाया है तो बताया जाय, हम तुरन्त मौके पर टीम भेजेंगे। 
-सुशील कुमार मिश्र, कार्यपालक पदाधिकारी कंकड़बाग अंचल। 

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