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विधानसभा मार्च को निकले छात्रों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, शिक्षा और रोजगार की मांग को लेकर निकाला था मार्च, आंदोलनकारियों ने भी रोड़े बरसाए, दोनों ओर से कई घायल

शिक्षा व रोजगार की मांग को लेकर विधानसभा मार्च करने निकले वामदलों के छात्र संगठनों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। गांधी मैदान जेपी गोलंबर पर सोमवार को आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच खूब ईंट-रोड़े...

विधानसभा मार्च को निकले छात्रों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां, शिक्षा और रोजगार की मांग को लेकर निकाला था मार्च, आंदोलनकारियों ने भी रोड़े बरसाए, दोनों ओर से कई घायल
पटना, हिन्दुस्तान टीमMon, 01 Mar 2021 08:08 PM
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शिक्षा व रोजगार की मांग को लेकर विधानसभा मार्च करने निकले वामदलों के छात्र संगठनों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। गांधी मैदान जेपी गोलंबर पर सोमवार को आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच खूब ईंट-रोड़े बरसे। इसमें कई छात्र और पुलिसकर्मी घायल हो गए। करीब एक घंटे से अधिक समय तक जेपी गोलंबर और गांधी मैदान का इलाका रणक्षेत्र बना रहा। आंदोलन के दौरान विधायक अजीत कुशवाहा, संदीप सौरव, मनोज मंजिल सहित 20 से अधिक आंदोलनकारी घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया। इसमें ज्यादातर को सिर, पैर और हाथ में चोंटे लगी हैं। पीएमसीएच में भर्ती घायलों से मिलने के लिए कई वामपंथी दल से जुड़े विधायक पहुंचे। वहीं आंदोलनकारियों की ईंट-पत्थर से कई पुलिस वाले भी घायल हुए हैं।

जेपी गोलंबर पर रोकने पर भड़के
आइसा व इंकलाबी नौजवान सभा सहित कई वामदल समर्थित छात्र संगठनों ने सोमवार को विधानसभा मार्च का ऐलान किया था। गांधी मैदान रामगुलाम चौक के पास सब इकट्ठा हुए। भाकपा माले विधायक संदीप सौरव, अजित कुशवाहा, मनोज मंजिल, महानन्द सिंह, गोपाल रविदास और रामबली सिंह यादव मार्च के समर्थन में पहुंचे। वहां से जेपी गोलंबर होते हुए सभी विधानसभा की ओर बढ़े। जेपी गोलंबर पहुंचे ही थे कि पुलिस ने बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। आंदोलनकारियों की संख्या हजारों में थी। पुलिस के रोकते ही सभी उग्र हो गए। 

प्रदर्शनकारियों ने बरसाए रोड़े, पुलिस ने लाठियां
जेपी गोलंबर पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी पुलिस से धक्का-मुक्की करने लगे। बैरिकेडिंग को हटाते हुए सभी आगे बढ़ने लगे तो पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके बाद आंदोलनकारियों ने ईंट पत्थर चलाना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस को स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। करीब आधा दर्जन से अधिक आंसू गैस के गोले दागे। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी डटे रहे और पुलिस पर रोड़ेबाजी करते रहे। जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी रोड़े बरसाए। इसमें कई पुलिसकर्मी और छात्र घायल हो गए। तब पुलिस ने स्थिति नियंत्रण करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। तब जाकर आंदोलनकारी पीछे हटे। पुलिस ने दो सौ मीटर तक प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। 

राहगीरों को भी पीटा, बिछ गए रोड़े
लाठीचार्ज की चपेट में कई राहगीर भी आ गए। पुलिस ने गांधी मैदान में खदेड़कर आंदोलनकारियों को पीटा। करीब दो घंटे पुलिस खोज-खोजकर उन्हें खदेड़ती रही। आंदोलन के दौरान जेपी गोलंबर के आसपास रोड़े ही रोड़े बिछे दिखाई दिए। पुलिस के जवाबी कार्रवाई के बाद स्थिति कंट्रोल में आया। उग्र कार्यकर्ता पीछे हटे। तब जाकर ट्रैफिक चालू हो पाया। 

पीएमसीएच में भर्ती
गंभीर रूप से घायलों में मुकुल राज, पूसा, आशिफ होदा, समस्तीपुर, कन्हैया कुमार, नालंदा, दिलीप कुमार, दरभंगा, मुन्ना कुमार भोजपुर आदि शामिल हैं। पीएमसीएच में घायलों से मिलने विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता पहुंचे। उन्होंने सभी घायलों का हालचाल लिया और लड़ाई जारी रखने की चेतावनी दी।
 
इन मुद्दों को लेकर हुआ आंदोलन 
वामपंथी संगठनों के पूर्व निर्धारित इस मार्च में स्कूल शिक्षक अभ्यर्थी, बैंक, अभियंता अभ्यर्थी, एलआईसी, रेलवे, सीजीएल, आईबीपीएस, दारोगा, सिपाही, होम गार्ड, कार्यपालक सहायक, बिहार एसएससी, टोला सेवक, तालीमी मरकज, विकास मित्र, गेस्ट शिक्षक, सहायक प्रोफेसर, पारा मेडिकल, सांख्यकी स्वयंसेवक, फिजिकल शिक्षक अभ्यर्थी, सभी तरह के ठेके, मानदेय व प्रोत्साहन राशि पर काम कर रहे कर्मी आदि सभी तरह के रोजगार पाने के लिए प्रयासरत व सम्मानजनक रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे अभ्यर्थी व संगठन इस मार्च में शामिल थे। 

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